नई दिल्ली: कुछ शेयर ब्रोकरों को खास जगह स्थापित सर्वर से सूचना देने में वरीयता दिए जाने के मामले में बाजार विनियामक सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया।
सेबी ने एक्सचेंज को उसके कारोबारी सदस्यों को मंच की टिक-बाई-टिक (टीबीटी) डाटा अपूर्ति प्रणाली में बराबरी के सिद्धांत का अनुपालन न करने के जुर्म में दंड लगाया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण पर भी 25-25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
यह मामला कुछ ट्रेडिंग सदस्यों को एक खास जगह पर स्थापित डाटा फीड (पूर्ति) प्रणाली से बाजार की अत्यधिक बारंबारिता वाले कंप्यूटरीकृत आंकड़े पहुंचाने में क्षणिक प्राथमिकता दिए जाने के आरोप से जुड़ा है।
वर्ष 2015 में मिली एक शिकायत के बाद सेबी इस मामले की जांच कर रहा है।
एनएसई ब्रोकरों को अपने परिसर में एक ही जगह अपने सर्वर लागाने की सुविधा देता है।
इसका उद्देश्य खरीद फरोख्त के लिए कंप्यूटरीकृत आर्डर भेजने की सुविधा (एसओआर) और बाजार से सीधे संपर्क (डीएमए) से संयोजन में प्रणालीगत विलंब कम से कम हो।
सेबी ने 96 पृष्ठ के निर्णय में लिखा कि तकनीकी प्रगति के विभिन्न चरणों में सुविधाएं कराने में असमानता दिखी है और यह एक्सचेंज अपनी टीबीटी डाटा पूर्ति प्रणाली के ग्राहकों के बीच अवसरों की समानता सुनिश्चित करने में विफल रहा है।