नई दिल्ली: लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकरों से भरी भारतीय रेलवे की दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को बोकारो से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गई।
ट्रेन के शनिवार सुबह तक लखनऊ पहुंचने की संभावना है। इससे पहले गुरुवार देर रात ऑक्सीजन टैंकरों से भरी पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई थी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हेतु बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ के लिए चल चुकी है।
इसके जल्दी पहुंचने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया जा चुका है। राज्यों में ऑक्सीजन की तेजी से एवं समुचित सप्लाई के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है और निरंतर कार्य कर रही है।”
इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए वाराणसी के रास्ते लखनऊ से बोकारो के लिए भेजा गया था।
ट्रेन की यात्रा के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था। ट्रेन ने 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटा की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की थी।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बोकारो से आॉक्सीजन से भरे टैंकरों को लेकर आॉक्सीजन स्पेशल ट्रेन आज दोपहर 13.50 बजे रवाना हुई। इसके कल सुबह तक लखनऊ पहुंचने की संभावना है।
ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरी के लिए सड़क मार्ग की तुलना में तेज है। ट्रेनें एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है।
यह खुशी की बात हो सकती है कि टैंकरों की लोडिंग व अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैम्प की जरूरत होती है।
कुछ स्थानों पर रोड ओवर ब्रिज्स (आरओबी) और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की ऊंचाई की सीमाओं के कारण, रोड टैंकर का 3320 मिमी ऊंचाई वाला टी 1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए व्यवहार्य पाया गया था।
रेलवे ने बीते साल लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की और आपूर्ति श्रृंखला को बना रखा तथा आपात स्थिति में राष्ट्र की सेवा जारी रखी।