कोलकाता: बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा जानलेवा साबित हो रही है। कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है,कि दूसरी लहर में ज्यादा गंभीर रोगियों की अचानक से मौतें हो रही हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि राज्य में कोरोना संक्रमितों का तेजी से ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल गिरने से घर में या अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो रही है।
इसकारण इन मरीजों को कोरोना का ट्रीटमेंट करने का समय नहीं मिल पा रहा है।
बेलेघाटा आईडी अस्पताल में पल्मोनोलॉजिस्ट जानकार ने बताया कि कोरोना के नए भारतीय वैरिएंट में इस तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
नया वैरिएंट सीधे फेफड़ों पर वार करता है, इसकारण संक्रमित के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं,जिससे मरीज की मौत होती है।
इसके पहले ज्यादातर कोरोना मरीजों के वायरस की उपस्थिति या वैक्सीनेशन से एंटीबॉडी विकसित हो गई थी लेकिन इस बार वायरस इम्युनिटी सिस्टम को तोड़ते सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है।
पिछले साल उनके पास बेड की मांग आती थी,तब वह एक या या दो दिन में मरीजों को बेड दिला देते थे तब काफी अस्पतालों में काफी बेड खाली थे।
लेकिन इस साल बेड के लिए बहुत मारामारी है। पिछले दो हफ्तों से देखने में मिल रहा है कि बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित घर में ही कुछ ही घंटों में मौत के मुंह में समा रहे हैं।
कई कोरोना संक्रमितों के मरीज मुझसे बेड की मांग कर रहे हैं। वायरोलॉजिस्ट जानकार का कहना है, कि अचानक से मौतों के पीछे चार वजहें हैं।
पहला हार्ट अटैक, दूसरा-पल्मोनरी एंबोलिज्म (फेफड़ों की प्रमुख धमनियां खून के थक्के जमने से अवरुद्ध होती है), तीसरा है न्यूमोथोरैक्स यानी फेफड़े सुकड़ने से और चौथा अचानक से दिल की धड़कन तेजी होना।