नई दिल्ली: उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद से ही अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का पूरा परिवार फरार है। आमल ये है कि Atiq Ahmed के पुश्तैनी मकान पर रहने वाले नौकर चाकर भी पुलिस के डर से फरार हैं।
अतीक के सारे नौकर फरार होने के बाद अतीक अहमद के 5 पालतू कुत्तों को भी खाना और पानी देने वाला कोई नहीं बचा। हालात ये हैं कि भूख से तड़प-तड़प कर एक कुतिया ब्रोनो की मौत हो गई है। ब्रोनो (Brono) से बाहुबली Atiq Ahmed को बेहद लगाव था। पूर्व सांसद अतीक अहमद को कुत्ते पालने का बड़ा शौक था।
कुत्तों की देखभाल के लिए नौकर
बता दें कि समाजवादी पार्टी (SP) के संरक्षक दिवंगत मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) भी अतीक अहमद के कुत्तों के साथ खेल चुके हैं। एक बार जब Mulayam Singh Yadav अतीक अहमद के घर पर आए थे तो उन्होंने भी कुत्तों को दुलारा था। अतीक के कुत्तों की देखभाल के लिए दो नौकर राकेश और हीरा यहां पर रहते थे।
राकेश पुलिस के डर से फरार
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फिलहाल राकेश पुलिस के डर से फरार है। हीरा भी पुलिस के डर से कभी-कभार ही मकान पर आता है। Brono की मौत के बाद उसे इसी परिसर में गड्ढे में फेंक दिया गया है। जबकि चार बचे कुत्ते भी देखभाल के अभाव में बेहद कमजोर हो गए हैं।
अतीक अहमद के बेटे की तलाश
बता दें कि विधायक राजू पाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case) के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के मामले में पुलिस को माफिया डॉन (Mafia Don) अतीक अहमद के बेटे असद अहमद की तलाश है।
लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चला है। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाना (Dhoomanganj Police Station) में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 506, 120-B, 34, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 3 और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था।