नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निधन पर हर कोई अफसोस व्यक्त कर रहा है। उनकी छवि एक समाजवादी सोच के नेता की रही। शरद यादव के बारे में कहा जाता है कि वे देश के पहले नेता थे, जिन्होंने 3 राज्यों से लोकसभा का चुनाव जीता। वे मध्यप्रदेश के जबलपुर से दो बार, उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक बार और बिहार के मधेपुरा से 4 बार सांसद बने थे। इस दौरान उन्होंने 1999 में राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव को करीब 30 हजार वोटों से मात दी थी। शरद यादव ने मध्यप्रदेश से अपनी संसदीय राजनीतिक यात्रा शुरू की, यूपी में सक्रिय रहे, लेकिन सबसे ज्यादा वक्त बिहार में गुजारा।
खबर सुन भावुक हुए लालू
शरद यादव के निधन की खबर सुनकर लालू यादव भावुक हो गए। सिंगापुर में इलाज करवा रहे लालू ने वीडियो ट्विट किया और कहा, ‘अभी सिंगापुर में रात्रि में के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला। बहुत बेबस महसूस कर रहा हूँ। आने से पहले मुलाक़ात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में। शरद भाई…ऐसे अलविदा नही कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि!
फोर्टिस अस्पताल में हुआ निधन
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे और काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। गुरुवार रात सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ घंटे बाद उनका निधन हो गया।
तेजस्वी समेत कई नेताओं ने जताया शोक
इस दिग्गज नेता के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने फेसबुक पेज पर दी। उन्होंने लिखा-पापा नहीं रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्विट किया, शरद यादव जी ने लंबे वर्षों के अपने सार्वजनिक जीवन में खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वह डा. लोहिया के आदर्शों से बहुत प्रेरित थे।’
कहां होगा शरद यादव का अंतिम संस्कार
शरद यादव का पार्थिव शरीर छतरपुर स्थित उनके निवास पर रखा जाएगा, जहां लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे। परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है।छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय शरद यादव का जन्म एक जुलाई, 1947 को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (पूर्व में होशंगाबाद) जिले के ग्राम आंखमऊ में हुआ था।