नई दिल्ली: रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सेना दिवस (Army Day) पर पाकिस्तान (Pakistan) के साथ हुए चार युद्धों और चीन सीमा (China Border) पर गल Army Day वान एवं तवांग की घटनाओं को याद करते हुए भारतीय जवानों (Indian Soldiers) के जज्बे और बहादुरी को सलाम किया।
उन्होंने कहा कि जवानों के शौर्य से न केवल दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है, बल्कि सभी भारतीयों के दिलों में सेना के प्रति विश्वास भी बढ़ा है। सशस्त्र बल न केवल भारत के लिए, बल्कि मित्र देशों के लिए भी विश्वसनीय भागीदार रहे हैं।
भारतीय सेना के शौर्य और साहसिक पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए रविवार को 75वें सेना दिवस पर बेंगलुरु में ‘शौर्य संध्या’ का आयोजन किया गया।
रक्षा मंत्री ने सैन्य कर्मियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल (Field Marshal) केएम करियप्पा ने औपचारिक रूप से अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।
‘शौर्य संध्या’ की शुरुआत आर्मी एडवेंचर विंग (Army Adventure Wing) के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, आर्मी एविएशन हेलीकॉप्टर और माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट के शानदार फ्लाई पास्ट के साथ हुई।
इसके बाद टेंट पेगिंग और सिक्स बार जंपिंग के घुड़सवारी खेलों का एक रोमांचक शो हुआ। साहसी पैरा ट्रूपर्स ने स्काई डाइविंग से समारोह में मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिलिट्री बैंड की प्रस्तुति ने कार्यक्रम की रंगत बढ़ा दी।
1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों का भी ज़िक्र किया
रक्षा मंत्री ने 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और गलवान एवं तवांग में हाल की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि सेना के तीनों अंगों ने हमेशा समय-समय पर दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
राजनाथ सिंह ने स्वतंत्रता के बाद से देश की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने में उनके दृढ़ संकल्प को अटूट बताया।
उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं सहित सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। उन्होंने बेजोड़ बहादुरी, प्रतिबद्धता और बलिदान के साथ देश की समृद्ध परंपरा को कायम रखा है।
भारत अपनी मजबूत सेना के लिए दुनियाभर में जाना जाता है
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत अपनी मजबूत सेना के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। उन्होंने बदलते समय के साथ खुद को ढालने और खुद को बदलने की भारतीय सेना की क्षमता को अपनी सबसे बड़ी ताकत बताया।
पिछले कुछ वर्षों में समाज, राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सुरक्षा चुनौतियों ने भी उस बदलाव को देखा है। नवीनतम तकनीकी प्रगति ने इन चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
आज ड्रोन, अंडरवाटर ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने लगातार बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।
इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defense Staff) जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, उप थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, अन्य वरिष्ठ सैन्यकर्मी, वीरता पुरस्कार विजेताओं के परिवार, प्रसिद्ध खिलाड़ी, बेंगलुरु स्थित अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के साथ-साथ छात्र भी शामिल हुए।