Jharkhand Assembly Shilpi Neha: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो शून्य काल चला। इस दौरान शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Shyama Prasad Mukherjee) का झारखंड के लिए कोई योगदान नहीं रहा। फिर भी उनके नाम पर Ranchi University का नामकरण हुआ। सरकार वीर बुधू भगत के नाम पर इस University का नामकरण करे।
विधायकों ने रखीं अपनी अपनी मांगें
पूर्णिमा नीरज सिंह (Purnima Neeraj Singh) ने धनबाद में BCCL द्वारा दामोदर नद को प्रदूषित किये जाने और NGT के गाइडलाइन के उल्लंघन का मसला रखा। दीपिका पांडेय सिंह ने शिक्षा विभाग की सहमति के बावजूद पारा शिक्षकों को अबतक वेतनमान और EPF सुविधा नहीं दिये जाने का मसला रखा। राजेश कच्छप ने ओरमांझी के प्लस टू स्कूल में विज्ञान और गणित विषय के शिक्षक नहीं होने की बात रखी।
विनोद सिंह (Vinod Singh) ने हजारीबाग पूर्वी और गिरिडीह वन प्रमंडल में हाथियों द्वारा फसल नुकसान का मुआवजा साल भर से लंबित रहने का मामला रखा। QRT के गठन की भी मांग की। विधायक विक्सल कोंगाड़ी ने प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति का मसला रखा।
लंबोदर महतो (Lambodar Mahato) ने रामगढ़ और बोकारो में वन अधिकार के तहत 225 से अधिक लंबित पट्टे संबंधी आवेदन पर सदन का ध्यान दिलाया। दशरथ गगराई ने पश्चिमी सिंहभूम के स्कूलों में पूर्ववत मिड डे मील व्यवस्था की मांग की।
अनंत ओझा (Anant Ojha) ने राजमहल में इंडोर स्टेडियम (Indoor Stadium) की कमी और इसके निर्माण की मांग सरकार से की। भूषण बाड़ा ने पंचायत स्वयंसेवकों को बकाया मानदेय देने और स्थायी किये जाने की मांग की।
इरफान अंसारी ने फाजिल और आलिम स्नातकों को भी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में मान्यता देने का आग्रह किया। रामचंद्र सिंह और मंगल कालिंदी सहित अन्य विधायकों ने भी अपनी मांग रखी।