शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश के 12 में से चार जिले कोरोना के हाट स्पॉट बन गए हैं।
इनमें शिमला, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिले शामिल हैं। शिमला, मंडी और कुल्लू जिले लाॅकडाउन के दौरान कोरोना से सुरक्षित थे लेकिन अब ये कोरोना के गढ़ों में तब्दील हो रहे हैं।
नवम्बर महीने में इन जिलों में कोरोना के मामलों में भारी उछाल आ गया है, जिसने शासन-प्रशासन को भी हिला दिया है।
मौजूदा समय में 65 फीसदी सक्रिय मामले इन्हीं चार जिलों में हैं। प्रदेश सरकार ने सख्ती बरतते हुए इन जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है।
सबसे ज्यादा खराब हालात शिमला जिला में हैं, यहां कोरोना के रोजाना सैकड़ों मामले उजागर हो रहे हैं। सर्वाधिक कोरोना संक्रमित और मौत के मामलों में शिमला जिला राज्य में शीर्ष पर है।
स्वास्थ्य विभाग के मंगलवार सुबह तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोरोना के 40,518 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
इनमें सक्रिय मामलों की संख्या 8,289 हैं। 31,548 मरीज कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो हैं। राज्य में कोरोना का रिकवरी रेट 77 फीसदी से अधिक है और कोरोना से अब तक प्रदेश में 635 लोगों की जा चुकी है।
कोरोना संक्रमण के लिहाज से शिमला जिला टॉप पर है, जहां 7,256 मामले सामने आ चुके हैं वहीं 165 मरीजों की मृत्यु हुई है।
शिमला के बाद मंडी में 6,612, कांगड़ा में 5,233 और कुल्लू जिला में 3,622 मामलों की पुष्टि हुई है। राज्य में कोरोना के 5.29 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।
अक्टूबर के बाद से बढ़ते संक्रमण की रफ्तार ने शिमला जिला को काफी प्रभावित किया है। शिमला में गत एक माह में 4,758 नए मामले मिले हैं।
इस तरह महज 30 दिनों में शिमला जिला में संक्रमण की दर 65 फीसदी बढ़ गई है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों का जिक्र करें तो लगभग 1,800 के करीब पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने शिमला में संक्रमण की संख्या को रोकना चुनौती साबित हो रहा है।
शिमला के संजौली क्षेत्र का इंजन घर वार्ड में एक साथ कई पॉजिटिव मामले सामने आने पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि शिमला सहित अन्य जिलों में कोरोना के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है।
नवम्बर महीने में चले फेस्टिवल सीजन में लोगों के भारी संख्या में जुटने की वजह से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है।
इसके अलावा कोरोना की टेस्टिंग भी बढ़ाई गई है। पहले रोजाना अढ़ाई हजार के करीब कोरोना के टेस्ट किए जा रहे थे, जिसे अब बढ़ाकर छह हजार किया गया है।