मुंबई: महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले।
शिवसेना ने कहा ‘आवश्यक वस्तुओं की कीमत को नियंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के बजाय पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे लाइए। ताकि राम भक्तों को इससे खाना मिलेगा और भगवान राम भी इससे खुश होंगे।’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने सवाल उठाए कि क्यों जब-तब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी अब ईंधन के बढ़े दामों को लेकर खामोश है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईंधन के मौजूदा बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
शिवसेना ने कहा कि पिछली सरकारों ने इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और भारत पेट्रोलियम जैसे सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किये लेकिन मोदी उन्हें बेच रहे हैं और अब ईंधन के बढ़े दामों के लिये पिछली सरकारों पर दोष मढ़ रहे हैं।
‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया कि यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों पर अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं ने अपनी राय व्यक्त की थी।
लेकिन पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने के बावजूद अब ये सितारे खामोश हैं, ये हस्तियां चुप्पी साधे हुए हैं क्योंकि उनसे ऐसे ही रहने को कहा गया है।
शिवसेना ने दावा किया कि इसका यह भी मतलब है 2014 से पहले अपनी राय व्यक्त करने, आलोचना करने की स्वतंत्रता थी, अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता था तो उसे राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत जेल में नहीं डाला जाता था, आज हमने पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताने की आजादी तक खो दी है, इसलिये अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन को क्यों अनावश्यक रूप से दोष देना?