अयोध्या: रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) में भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है।
माना जा रहा है कि करीब एक साल से कम वक्त में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। इसी कड़ी में श्री राम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) का भव्य जलाभिषेक होना है।
खास बात ये है कि रामलला का जलाभिषेक न सिर्फ भारत की पवित्र नदियों, बल्कि 156 देशों की नदियों और समुद्र के जल से होगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) 23 अप्रैल को रामलला का जलाभिषेक करेंगे।
3 साल पहले जल लाने का काम हुआ था शुरू
बता दें कि 156 देशों से जल लाने का काम आज से नहीं, बल्कि 3 साल पहले यानी साल 2020 में ही शुरू कर दिया गया था।
इसकी जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व बीजेपी विधायक विजय जॉली (Vijay Jolly) ने संभाली थी।
अब जब दुनियाभर के 156 देशों का जल इकट्ठा हो गया है तो अब रामजन्म भूमि (Ram Janmabhoomi) का जलाभिषेक किया जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और CM योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को मनीराम दास छावनी सभागार में जल कलश की पूजा करेंगे।
पाकिस्तान की रावी नदी का जल लाया गया भारत
BJP नेता विजय जॉली ने बताया कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की पवित्र नदियों में से एक रावी नदी का जल भी इसमें शामिल है।
हालांकि पाकिस्तान (Pakistan) से जल लाना आसान नहीं था, लेकिन फिर दुबई के रास्ते इस जल को भारत लाया गया।
एक साल से चल रहे रशिया-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukraine War) के बीच हालात कुछ अच्छे नहीं हैं, लेकिन प्रभु श्री राम की जन्मभूमि के जलाभिषेक के लिए दोनो देशों ने मदद की और दोनों ही देशों से जल लाया गया।
अब रामलला का इस जल से अभिषेक किया जाएगा।
विदेशों के भी राजनयिक और आध्यात्मिक गुरु होंगे शामिल
जलाभिषेक कार्यक्रम में सिर्फ पाकिस्तान और रूस ही नहीं, बल्कि फ्रांस, जर्मनी, जॉर्जिया, स्विट्जरलैंड, इटली, इराक, कनाडा, चीन, भूटान, अफगानिस्तान, ब्राजील, डेनमार्क जैसे कुल मिलाकर 156 देशों का जल शामिल है। जलाभिषेक कार्यक्रम में देश ही नहीं।
विदेशों के भी राजनयिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करने की तैयारी है।