न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड प्रोफेशनल कांग्रेस ने इस्काॅन रांची सेंटर के साथ मिलकर गुरुवार को डिस्टिलरी कम्पाउंड में श्री चैतन्य शिक्षा समावेश के तहत श्रीमद भागवत गीता उपदेश का आयोजन किया गया।
यह भागवत गीता उपदेश का आयोजन प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल के सौजन्य से वर्ष 2020 में कोरोना महामारी जैसे गंभीर संकट से मानव जाति को बचाए रखने एवं नये आने वाले वर्ष 2021 की बेहतरी एवं खुशहाली, स्वास्थ्य की कामना के उद्देश्य से किया गया।
मौके पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, विनय सिन्हा दीपू, उपस्थित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चरण कर एवं इस्कोन के प्रवचन कर्ताओं , अतिथियों को भागवत गीता ,पुष्पगुच्छ शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इसके बाद हरि कीर्तन हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे.. हरे कृष्णा हरे कष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे…. श्रद्धा भाव से आयोजन हुआ, जिसमें सभी अतिथियों एवं उपस्थित लोग भी शरीक होकर भगवान के भक्ति में लीन हुए।
श्रीमद्भागवत गीता उपदेश कार्यक्रम में रांची के प्रथम मेयर एवं पुराने वयोवृद्ध कांग्रेसी शिवनारायण जयसवाल को भागवत गीता बुक, शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस धार्मिक आयोजन में प्रो. डाॅ. लीला पुरूषोत्तम दास (प्रो आईआईटी, कानपुर), मधुसुदन मकुन्द दास (एमबीए, आईआईटी, कानपुर), डाॅ पदमा चरण बेहेरा (पीएचडी बीआईटी, मेसरा), पीआरओ इस्काॅन, रांची, सर्वोत्तम श्याम दास (एम टेक, आईआईटी, कानपुर), तारक चैतन्या दास (पीएचडी आईआईटी कानपुर) आदि शामिल हुए।
इस अवसर पर मधुसुदन मकुन्द दास (एमबीए, आईआईटी, कानपुर) भागवत गीता का संक्षिप्त सार को बताते हुए श्रोताओं को कहा कि यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।
श्लोक का अर्थ है: जब-जब धर्म ग्लानि यानी उसका लोप होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए अवतार लेते हैं।
मनुष्य इस धरती पर आकर अपने सभी कर्म और दायित्वों को भूल जाते हैं, वे रास्ते भटक जाते हैं ऐसे में उनका कल्याण कभी भी नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के मार्ग से ही मानव का कल्याण हो पायेगा। राधे-राधे जीवन के सब बाधो को दूर करते हैं। उनकी भक्ति में लीन होने की जरूरत है।