कानपुर: 1984 में कानपुर में हुए सिख दंगे की जांच कर रही SIT ने आखिरकार गिरफ्तारियां शुरु कर दी। टीम ने निराला नगर हत्याकांड में आरोपित चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इन पर आरोप है कि घाटमपुर से बसों के जरिये भीड़ लाये थे और तीन लोगों को जिंदा फूंक दिया गया था
इसके साथ ही दो लोगों को गोली मारकर हत्या की थी। 38 साल बाद हुई गिरफ्तारियों से सिख समाज में खुशी की लहर है और न्याय की उम्मीद बढ़ी है।
कानपुर में 1984 के दौरान हुए सिख दंगों की जांच के लिए 2019 में पूर्व DGP अतुल कुमार (Atul Kumar) की अध्यक्षता में SIT (विशेष जांच दल) का गठन किया गया था।
टीम ने कानपुर में मारे गये 127 सिखों की जांच शुरु की। यह जांच अलग अलग थानों में दर्ज 40 मुकदमों से संबंधित रही। जांच में 14 मुकदमों में ही साक्ष्य मिले जिस पर टीम काम कर रही है।
निराला नगर (Nirala Nagar) हत्याकांड में टीम ने पाया कि घाटमपुर के रहने वाले सफीउल्ला खां, योगेंद्र सिंह उर्फ बब्बन, विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह और अब्दुल रहमान बसों में भीड़ लेकर आये थे।
इन्ही के उकसावे में भीड़ ने एक इमारत पर धावा बोल दिया और रक्षा पाल सिंह, भूपेंद्र सिंह, सतवीर सिंह काला को जिंदा फूंक दिया।
यही नहीं उसी दौरान गुरुदयाल सिंह भाटिया और उनके बेटे सतवीर सिंह काला की गोली मारकर हत्या (MURDER) कर दी गई।
मरने वाले सभी सिख थे। एक और घर पर आग लगाई गई थी जिसमें दंगाई राजेश गुप्ता (Rajesh Gupta) की सिलेंडर फटने से मौत हो गई थी।
38 साल बाद चार गिरफ्तार
निराला नगर हत्याकांड की जांच SIT ने पूरी कर ली और 38 साल बाद घाटमपुर से अभियुक्त सफीउल्ला खां, योगेंद्र सिंह उर्फ बब्बन, विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह, अब्दुल रहमान को गिरफ्तार कर लिया।
SIT प्रभारी SSP बालेंद्रु भूषण (Balendru Bhushan) ने बताया कि गिरफ्तार किए गए इन सभी दंगाइयों की उम्र करीब 62 से 65 साल है।
बताया कि सभी मुकदमों में साक्ष्य के आधार पर 45 लोगों के खिलाफ आरोप तय हो गये हैं। इनमें पहली गिरफ्तारी निराला नगर हत्याकांड से संबंधित हुई है। बाकी 41 आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी।
सिख समुदाय में खुशी
गुरुद्वारा नामदेव के सरदार नीतू सिंह (Neetu Singh) ने बताया कि कानपुर सिख दंगे में पहली बार SIT ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे सिख समुदाय में न्याय की उम्मीद बढ़ गई है।
सुरजीत सिंह ओबराय ने बताया कि पिछली सरकारों में सिर्फ आश्वासन ही मिलता था। मोदी और योगी सरकार ने सुध ली और SIT का गठन किया।
38 साल बाद गिरफ्तार हुए चार अभियुक्तों से सिख समाज में खुशी की लहर है। सिख समुदाय (Sikh community) को अब पूरा भरोसा है कि 1984 दंगे के अभियुक्तों को सजा जरुर मिलेगी।