सिमडेगा: शहरी क्षेत्र के थाना के निकट का रहने वाले गोपाल कृष्ण का 24 वर्षीय बेटा सौरभ सागर का शव शनिवार को केलाघाघ डैम से एनडीआरफ की टीम ने निकाल लिया है।
कल देर शाम केलाघाघ डैम में कूद कर उसने अपनी जान दे दी थी। सौरभ एक गरीब परिवार को संभालने वाला अकेला सहारा था।
हालात की गंभीरता को देखते पुलिस अधीक्षक डॉ शम्स तबरेज ने एनडीआरएफ की टीम से संपर्क कर टीम को सिमडेगा बुलाया।
रांची से एनडीआरएफ की टीम शनिवार सुबह केलाघाघ डैम पंहुची। यहां अपनी सारी तैयारियां पूरी कर एनडीआरएफ की टीम ने डैम के पानी में अपना बोट उतारा।
सौरभ के कूदने की जगह पंहुच कर एनडीआरएफ गोताखोरों ने ढूंढकर शव को बाहर निकाला।
पुलिस अधीक्षक डॉ शम्स तबरेज, इंस्पेक्टर दयानंद कुमार और सदर थाना प्रभारी पूरे ऑपरेशन के दौरान घटना स्थल पर जमे रहे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वे उपायुक्त से बात कर पीड़ित परिवार को अधिक से अधिक मदद दिलाने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ टीम ने दूसरी बार सिमडेगा में बेहतर काम करके दिखाया है। उनके द्वारा एनडीआरएफ टीम को सम्मानित किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक डॉ शम्स तब्रेज ने मृतक सौरभ की बहन छोटी से बात कर उसे ढाढ़स बंधाया। उन्होंने उससे कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन हर वक्त उनके साथ है।
उन्होंने कहा कि वह उपायुक्त से मिल कर प्रशासन अधिक से अधिक सरकारी सहायता दिलाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वार हमेशा खुले हैं, कभी भी बेझिझक वे लोग किसी भी काम से मिल सकते हैं।
बहन की होने वाली थी शादी
जानकारी के अनुसार सौरभ की बहन की शादी होने वाली थी। शादी को लेकर तैयारी भी लगभग पुरी हो चुकी थी। इसी बीच सौरभ का अचानक चले जाने से परिवार पर दूखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बहन की आखों से आंसू लगातार निकल रहे थे। अंतिम समय में भी सौरभ ने मोबाइल पर अपनी बहन से ही बातें की थी।
परिवार में सौरभ ही होनहार था
परिवार को आगे बढ़ाने में सौरभ का महत्वपूर्ण योगदान था। पीकअप वैन के माध्यम से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में बहुत हद तक सौरभ सफल हो चुका था।
दो गाड़ी में एक गाड़ी को अपनी मेहनत से स्टॉलमेंट फ्री कर चुका था।
पूरे परिवार की जिम्मेदारी वह अपने कंधे पर लिये हुये था। पुलिस के अनुसार आत्महत्या का कारण आर्थिक पहलू नहीं हो सकता है। प्रेम प्रसंग का भी कोई मामला सामने नहीं आया है।