सिमडेगा: उपायुक्त सुशांत गौरव ने सोमवार को समाहरणालय सभाकक्ष में पढ़ना-लिखना अभियान के तहत जिले के सभी निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने कहा कि जिले में तीन हजार शिक्षक, शिक्षिकाएं हैं।
15 अप्रैल तक सभी शिक्षक दो निरक्षर व्यक्ति को नाम लिखने तथा बुनियादी रूप से साक्षर बनायें, जो व्यक्ति शिक्षा से वंचित है उन्हें साक्षर बनाना है।
इस अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति निरक्षर की श्रेणी में न रहे। सभी प्रखंडों के निरक्षर को चिन्हित करें।
उन्होंने कहा कि प्रखंडवार लक्ष्य दिया गया है। लेकिन मंशा यह है कि निरक्षर व्यक्ति अपना नाम लिख सके।
कोई उन्हें बहला-फूसला कर अंगूठा का निशान लेकर उनसे ठगी न कर सके।
जिले के 6 हजार व्यक्ति को साक्षर बनाने का लक्ष्य है। शिक्षा विभाग की टीम ने कहा कि हर निरक्षर को साक्षर बनायेंगे।
यह कार्य कठिन तो नहीं है। लेकिन जिले को साक्षर जिला बनाना है।
उपायुक्त ने कहा कि शिक्षक निरक्षर को साक्षर बनाने के लिए विद्यालय के साथ आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका, सहायिका से भी पढ़वायें। आंगनबाड़ी केंद्र में भी क्लास ले सकते है।
कोई सिंगल माध्यम से नहीं बल्की शिक्षक अपने विवेक का भी प्रयोग कर निरक्षर को साक्षर बनाने का कार्य करें। पोर्टल में पूर्व में भी जिले में चिन्हित व्यक्तियों की सूची दर्ज है।
उपायुक्त ने कहा कि पढ़ना लिखना अभियान में भी जिले को टॉप पर लाना है।
जिले के तीन हजार शिक्षक जिन्होंने कोविड का टीका अबतक नहीं लिया है। वे सभी कोविड का टीका ले लें।
समाज में रोल मॉडल के रूप में 45 से 60 वर्ष के किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित व्यक्ति को 31 मार्च तक कोरोना का टीकाकरण कराना है। प्रति शिक्षक 5 व्यक्ति का टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें।