नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर विरोध स्थल पर एक व्यक्ति की बर्बर हत्या की निंदा की और इस मामले पर खुद को निहंगों से अलग कर लिया।
एसकेएम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, मौके पर एक निहंग समूह ने यह कहते हुए जिम्मेदारी ली है कि यह घटना पीड़ित के सरबलोह ग्रंथ के संबंध में बेअदबी करने के प्रयास के कारण हुई है।
यह बताया गया है कि वह कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 40 से अधिक भारतीय किसान यूनियनों के एक छत्र निकाय एसकेएम ने मृतक की पहचान पंजाब के चीमा कला गांव के लखबीर सिंह के रूप में की है।
बयान में कहा गया है, एसकेएम इस वीभत्स हत्या की निंदा करता है और यह स्पष्ट करना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह और मृतक व्यक्ति का मोर्चा (संयुक्त किसान मोर्चा) से कोई संबंध नहीं है।
मोर्चा किसी भी धार्मिक पाठ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन यह किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता है।
समूह ने मांग की है कि हत्या और बेअदबी के पीछे साजिश के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जानी चाहिए।
बयान में आगे कहा गया है, यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलन किसी भी रूप में हिंसा का विरोध करता है।
शुक्रवार की सुबह दिल्ली के बाहरी इलाके में हरियाणा-दिल्ली सिंघु सीमा पर एक अज्ञात मृतक पुलिस बैरिकेड से बंधा हुआ मिला, जिसका बायां हाथ कटा हुआ था और उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी।
इस घटनाक्रम को देखकर हर कोई हैरान रह गया और इलाके में सदमे की लहर दौड़ गई। शव कृषि विरोधी कानून विरोध स्थल के मंच के पास मिला था, जहां किसान पिछले 10 महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
हरियाणा पुलिस ने घटना में शामिल अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस अभी तक पीड़ित की पहचान नहीं कर पाई है।