Dumka News: पुलिस लाइन (Police Line) मैदान में रविवार को धूमधाम से सोहराय पर्व (Sohrai Festival) मनाया गया। विधि-विधान से नायकी बाबा ने प्रकृति पूजा कर मुर्गा की बलि देकर पूजा कराया। बाद में खिचड़ी के रूप में प्रसाद का वितरण किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संताल परगना के DIG संजीव कुमार, SP पीताम्बर सिंह खेरवार, DSP मुख्यालय विजय कुमार, SDPO, सदर मो. नूर मुस्तफा एवं प्रशिक्षु DSP शामिल हुए।
सभी संताल आदिवासी समुदाय के पारंपरिक पोशाक पंछी-लुंगी में दिखे। सभी पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, मांदर, झाल आदि बजा खूब थिरके।
अतिथियों का स्वागत आयोजन कमेटी लोटा-पानी एवं पारंपरिक नृत्य-संगीत से किया। इसके बाद आदिवासी महिलाएं,युवतियां एवं युवकों ने ढोल और मांदर की थाप पर नाचते- गाते दिखे।
सभी सोहराय पर्व के धूम में दिखे। सोहराय पर्व मूल रूप से सोहराय चांदो में मनाया जाता है। लेकिन संताल विद्रोह में मार्शल लॉ के कारण संताल परगना क्षेत्र में पुश चांदो में धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
मान्यता है कि सोहराय पर्व संताल आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व है, जिसकी तुलना हाथी के साथ किया गया है। सोहराय पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है।
पहला दिन उम माहा, दूसरा दिन दाकाय माहा, तीसरा दिन खूंटाव माहा, चौथा दिन जाले माहा एवं पांचवां या अंतिम दिन जाले माहा के रूप में मनाया जाता है।