कोलकाता (पहले इस शहर को कलकत्ता कहा जाता था) के बीचों बीच मौजूद तंग गलियों से भरे सोनागाछी को वैश्यावृत्ति का एशिया का सबसे बड़ा इलाका कहा जाता है। ये करीब ग्यारह हज़ार यौनकर्मियों का घर है।
इस इमारत की दीवारों पर रंगीन पेंटिंग बनाई गई है। ऊपर दिख रही तस्वीर उस इमारत की है जिसमें यौनकर्मियों का कॉपरेटिव चलाया जाता है।
ट्रांसजेंडर कलाकारों ने बंगलुरु स्थित आर्ट समूह के साथ मिल कर यौनकर्मियों के अधिकारों और महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा रोकने को लेकर जागरुकता अभियान के तहत इमारतों पर पेंटिंग बनाई हैं।
इमारतों पर तस्वीरें बनाने में करीब एक सप्ताह का वक्त लगा।
यहां मौजूद अधिकतर वैश्यालय टूटी फूटी स्थिति में हैं और कहीं कहीं इनकी दीवारें आसपास के घरों से सटी हुई भी हैं।
वैश्यालय के आसपास के घरों की दीवारों पर भी तस्वीरें बनाई गई हैं। योजना के तहत अभी इलाके की और भी दीवारों पर रंगीन तस्वीरें बनाई जाएंगी।
भारत में वैश्यावृत्ति अभी भी बड़ी समस्या बनी हुई है। एक अनुमान के अनुसार भारत में करीब 30 लाख महिलाएं यौनकर्मी के रूप में काम करती हैं।