जोहानिसबर्ग: महामारी से निजात दिलाने वाली कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भारत की विश्लसनीयता लगातार बढ़ रही है।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मखिजे ने भारत के ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ से प्राप्त कोविड-19 रोधी टीके ‘एस्ट्राजेनेका’ की 10 लाख खुराक बेचने की पुष्टि की है। यह खेप उसे पिछले महीने मिली थी।
कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ टीके के सीमित प्रभाव होने की बात सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने इसे अपने स्वास्थ्य कर्मियों को लगाने की योजना फिलहाल स्थगित कर दी और अब इसे 14 अफ्रीकी देशों को बेच दिया गया।
दक्षिण अफ्रीका ने हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अन्य टीका लगाने का विकल्प चुना है, हालांकि देश में टीकों के वितरण में देरी के बीच तीन-चरण के निर्धारित टीकाकरण कार्यक्रम की धीमी दर को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मखिजे ने एक बयान में कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह में, विभाग को यह सुनिश्चित करना पड़ा कि अफ्रीकी संघ (एयू) टीका अधिग्रहण टीम द्वारा टीका लेने वाले जिन देशों की पहचान की गई है, उनके पास नियामकों की अनुमति, परमिट और लाइसेंस हो।’
मखिजे ने पुष्टि की कि पिछले सप्ताह सोमवार तक स्वास्थ्य विभाग को पूर्ण खरीद राशि मिल गई थी।
हालांकि यह राशि कितनी है, इसकी उन्होंने जानकारी नहीं दी।
मंत्री ने कहा, ‘एयू और दक्षिण अफ्रीकी दलों ने फिर यह सुनिश्चित किया कि टीकों को भेजे जाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए।’
दक्षिण अफ्रीका में ‘एस्ट्राजेनेका’ के टीकों के इस्तेमाल को ऐसे समय में रोका गया है, जब इसको लगाने के बाद रक्त के थक्के जमने के कुछ मामले सामने आने की खबरें आ रही हैं।
एयू के नौ सदस्य देशों के लिए टीके की पहली खेप रविवार को रवाना की गई। अन्य पांच देशों को आने वाले सप्ताह में टीके भेजे जाएंगे।