इंदौर: इंदौर शहर की सफाई के नाम पर नगर निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा किए गए अमानवीय बर्ताव के बाद बुजुर्गों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं।
यहां के निजी चिकित्सालयों ने जरुरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिए खास इंतजाम करने का फैसला लिया है।
बताया गया है कि जिले में अब निजी चिकित्सालयों में जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिये विशेष व्यवस्था रहेगी।
जिले में जिला प्रशासन की पहल में सहभागी बनते हुये निजी चिकित्सालयों के संचालकों ने तय किया है कि वे अपने-अपने चिकित्सालयों में दो-दो पलंग जरूरतमंद वृद्धजनों के उपचार के लिये आरक्षित रखेंगे।
जिससे चिकित्सकीय आकस्मिकता की स्थिति में उनका उपचार सहजता के साथ शुरू किया जा सके।
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने निजी चिकित्सालयों से वृद्धजनों के लिए खास इंतजाम करने को कहा है।
इस पर निजी चिकित्सालयों के प्रबंधकों व संचालकों ने अपनी सहमति देते हुए कहा कि वृद्धाश्रम को संबंधित अस्पतालों से जोड़ा जायेगा।
जानकारी दी गई कि आस्था वृद्धाश्रम परदेशीपुरा, अमरलाल चेरिटेबल ट्रस्ट हवाबंगला, महिला उत्कर्ष वृंदावन, भोले राम भक्त हनुमान मंदिर भमोरी, जीवन ज्योति नवलखा, निराश्रित सेवाश्रम कान्यकुब्ज नगर, गोल्ड क्वाईन सेवा ट्रस्ट अन्नपूर्णा मंदिर, राजशांति आशियाना एवं 10 रैन बसेरों को चिन्हित कर इनके वृद्धजनों और अन्य जरूरतमंदों के लिये अरविन्दो, चोईथराम, मेदांता, राजश्री अपोलो, सीएचएल, शैल्बी, वर्मा यूनियन, अरिहंत, सुयश, एप्पल, यूनिक, बांठिया, ग्रेटर कैलाश, गीतांजली, सेंटर फॉर साईट, चोईथराम नेत्रालय एवं महावीर चिकित्सालयों में इलाज की व्यवस्था रहेगी।
ज्ञात हो कि भिक्षुक पुनर्वास योजना की समीक्षा के सांसद शंकर लालवानी तथा संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने नगर के विभिन्न पंजीबद्ध, अपंजीबद्ध वृद्धाश्रमों एवं रेन बसेरे में रहने वाले वृद्धजनों के चिकित्सकीय आकस्मिकता की स्थिति में तत्काल आकस्मिकता एवं गहन चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मल्टीस्पेशलिस्ट चिकित्सालयों द्वारा इन वृद्धाश्रमों को गोद लेने की अपील की गई थी।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों शहर की सड़कों पर रहने वाले बुजुर्गों को नगर निगम के कर्मचारियों ने कचरा गाड़ी में जानवरों की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ने की कोशिश की थी।
इस अमानवीय घटना के सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा खास कदम उठाए जा रहे हैं।