न्यूज़ अरोमा रामगढ़: शहीदी सप्ताह के समापन समारोह पर रामगढ़ के गुरुद्वारे में विशेष दीवान सजाया गया।
गुरुद्वारा साहिब में स्त्री सत्संग के तत्वधान में आयोजित कार्यक्रम में सिख इतिहास के सुनेहरे पल व कुर्बानियों को याद किया गया।
कथावाचक में बताया गया कि सिखो के दशम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादे बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह जहां चमकौर की जंग में लड़ते हुये शहीद हो गए।
जबकि छोटे सहजादों बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह को बंदी बना कर इस्लाम कबूल करने के लिए अनेक प्रलोभन व यातनाओं से भी जब जालिम हुक्मरान सफल ना हो सके तो उन छोटे छोटे बालकों को जिंदा ही दीवार में चुनवा कर शहीद कर दिया गया।
गुरु गोविंद सिंह जी की माता गुजर कौर भी ऐतिहासिक ठंडे बुर्ज में शहादत को प्राप्त हुई। विशेष दीवान में प्रसिद्ध जत्थे भाई मंजीत सिंह पठानकोट वालों ने मनमोहक अंदाज में शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया।
वहीं ग्रंथि बाबा गुरजीत सिंह ने बड़े धार्मिक अंदाज में इस शहादत सप्ताह को अपने कथा वाचन से जीवंत किया। हजूरी रागी भाई सरबजीत सिंह एवं सुरजीत सिंह छाबड़ा ने भी सुरीली आवाज में गुरबाणी पेश किया।
कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रधान रविंदर सिंह गांधी, महासचिव जगजीत सिंह सोनी, रघुवीर सिंह छाबड़ा, डॉ नरेंद्र सिंह, प्रीतम सिंह कालरा, मनपाल सिंह, मनजीत सिंह होरा, परमजीत सिंह चमन, बलविंदर सिंह पवार, रविंद्र सिंह, जितेंद्र पवार, इंद्रजीत सिंह कोहली, जसविंदर सिंह छाबड़ा, जोगिंदर सिंह जग्गी, सहित सिख समुदाय के कई लोग उपस्थित थे।