दुमका: मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर गुरूवार को बासुकीनाथ मंदिर में विशेष पूजा में भगवान नागेश को तिल गुड़, दही,लाई और विभिन्न प्रकार के मिष्ठान आदि का भोग लगाया गया।
भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य पर बासुकीनाथ मंदिर में मकर संक्रांति का त्यौहार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाए जाने की परंपरा रही है।
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर गुरूवार को दोपहर में विशेष सरकारी पूजा का आयोजन किया गया।
विशेष सरकारी पूजा के दौरान पुजारी सदाशिव पंडा ने बाबा बासुकीनाथ के ज्योतिर्मय शिवलिंग को पंचामृत एवं सुगन्धित द्रव्यों से स्नानादि कराकर वस्त्र, पुष्पादि से अलंकृत किया।
इसके बाद तिल, गुड़, तिलकूट, तिल से बनी मिठाईयां, लाई, दही-चुड़ा, पेड़ा, फल, और गुड़ मिश्रित भांग आदि चढ़ाया।
सैलानियों ने लगाई तातलोई गर्म जलकुंड में डुबकी
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में प्रसिद्ध गर्म जलकुंड तातलोई में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।
तातलोई दुमका भागलपुर मार्ग पर बारा पलासी बाजार से 4 किलोमीटर उत्तरपूर्व में भुरभुरी नदी के किनारे स्थित है।
प्रत्येक वर्ष तातलोई में मकर संक्रांति के अवसर पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है।
हलांकि इस वर्ष कोविड को लेकर भीड़ अन्य वर्ष के मुकाबले कम देखी गई। पिकनिक स्पॉट के रूप में भी तातलोई काफी प्रसिद्ध है।
जाड़े के दिन में लोग तातलोई के गर्म जलकुंड में स्नान कर पिकनिक का मजा भी लेते हैं।
ऐसी मान्यता है कि तातलोई गर्म जलकुंड में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है। गुरुवार सुबह ही साफा होड़ राम बाबा अनुयायियों द्वारा स्नान कर पूजा अर्चना किया गया।