मुंबई : Shiv Sena में विभाजन और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली सरकार के गठन से संबंधित याचिकाओं पर गुरुवार को आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे (Eknath Shinde Resignation ) की अटकलें जोरों पर हैं।
विपक्षी पार्टियों ने कहा कि इस फैसले के बाद से शिंदे जरूर इस्तीफा दे देंगे। वहीं उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना- भाजपा सरकार स्थिर है और शिंदे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
एकनाथ शिंदे ने पीठ में छुरा घोंपा- उद्धव
फ्लोर टेस्ट (Floor Test) से पहले उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किए थे, जिस पर उद्धव ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा।
गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। इस पर महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस (CM Eknath Shinde and Deputy CM Devendra Fadnavis) ने पलटवार किया है।
उद्धव ठाकरे को नैतिकता की बात करना शोभा नहीं देता- फडणवीस
फडणवीस (Fadnavis) ने कहा कि नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वह NCP और कांग्रेस के साथ CM पद के लिए गए तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे? उन्होंने कहा कि ठाकरे ने नैतिक के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि डर के कारण जो लोग उनके साथ थे, उन्हें छोड़ दिया।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं। आज महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की साजिश नाकाम हो गई है। अब, किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) पूरी तरह से कानूनी है।
उद्धव ठाकरे ने कुर्सी पाने के लिए MVA के साथ गया- एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने कहा कि क्या उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट या ECI से ऊपर हैं कि वह हमें अपना कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का उपयोग नहीं करने देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना (BJP-Shiv Sena) की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया।
हमने शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का किया काम- शिंदे
शिंदे ने आगे कहा कि इस्तीफा आपने (उद्धव ठाकरे) दिया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम किया है।
उच्चतम न्यायालय का ‘मेधावी’ फैसला- राहुल नार्वेकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह एक ‘मेधावी’ फैसला है और यह राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में नहीं है।
नार्वेकर (Narvekar) ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि अदालत ने राजनीतिक स्थिति पर आदेश दिया है, यह एक सराहनीय फैसला है। यह एक निष्पक्ष फैसला था। इसलिए, मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करता हूं।’
गद्दारों के साथ कैसे चलाता सरकार- उद्धव
बता दें, उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने कहा कि जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही गद्दारी की। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा (Resignation) दे दिया।
उद्धव (Uddhav) ने मांग की थी कि जैसे मैंने नैतिकता का पालन किया था, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगर वर्तमान के मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) में जरा भी नैतिकता हो तो ये तुरंत इस्तीफा दे दें।
विपक्षी एकता पर क्या बोले उद्धव?
उद्धव ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात के बाद कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता।
मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।
“हम चाहते हैं कि पूरे देश में अधिक से अधिका पार्टियां (Parties) एकजुट हों, मिलकर हम सब लड़ेंगे। आज जो केंद्र में है वे देश के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं इसलिए देश के हित में हम सब मिलकर लड़ेंगे। अब यह तय होगा कि कब सबकी मीटिंग होगी।”