नई दिल्ली: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा महज 8 रन ही बना सके।
उन्होंने 36वीं गेंद पर अपना खाता खोला था, जिसके बाद से ही वह बुरी तरह से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं।
हालांकि अपनी धीमी शुरुआत को भी वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ा सके और ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए। पुजारा के इस प्रदर्शन के बाद से कहा जा रहा है कि उनका करियर खत्म होने के कगार पर है।
2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पुजारा ने 85 मैचों की 142 पारी में 6 हजार 244 रन बनाए। उनकी सबसे बड़ी टेस्ट पारी नाबाद 206 रन की रही।
पुजारा के नाम 18 टेस्ट शतक और 29 टेस्ट अर्धशतक है। मगर अब उनके सामने करियर को लंबा खींचने के लिए इंग्लैंड दौरे पर कुछ यादगार पारी खेलने की चुनौती खड़ी हो गई है। इंग्लैंड दौरे को उनके करियर का आखिरी मौका माना जा रहा है।
पुजारा पिछले काफी समय से रनों के सूखे से जूझ रहे हैं। अगस्त 2019 से उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 29.21 की औसत से महज 818 रन ही बनाए।
इस दौरान वह एक भी शतक नहीं लगा पाए और 28 पारियों में सिर्फ 9 बार ही 50 रन तक पहुंचे। वहीं इंग्लैंड में पुजारा ने 9 टेस्ट मैचों में 29.41 की औसत से 500 रन बनाए।
फाइनल में 36वीं गेंद पर खाता खोलने के बाद पुजारा ने दो चौके लगाए और इसके बाद कई गेंद डॉट खेली और फिर बोल्ट के शिकार हुए। इस दौरान वह स्ट्राइक रोटेट नहीं कर सके।
टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर का कहना है कि पुजारा को अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने की जरूरत है।
इस फाइनल से पहले पुजारा का इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन देखने पर उन्होंने चार मैचों की 6 पारियों में 73, 15, 21, 7 , 0 और 17 रन बनाए है।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की 8 पारियों में 43, 0, 17,3, 50, 77, 25, 56 रन बनाए थे।