डरहम: भारतीय टेस्ट टीम यहां काउंटी एकादश के खिलाफ यहां खेले जा रहे अभ्यास मैच में पूर्व दिवंगत क्रिकेटर यशपाल शर्मा के सम्मान में आर्मबैंड बांधकर उतरी, जबकि कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे वनडे में भारतीय सीमित ओवरों की टीम ने यशपाल को नजरअंदाज किया।
यशपाल ने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे मुकाबले खेले थे। वह 1983 विश्व कप विजेता टीम का भी हिस्सा थे। यशपाल का 66 वर्ष की उम्र में गत 13 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व वाली टीम ने यशपाल के प्रति सम्मान जाहिर करने में देरी नहीं लगाई जबकि राहुल द्रविड़ के कोच वाली सीमित ओवरों की टीम ने पिछले दोनों वनडे में उन्हें नजरअंदाज किया।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य बलविंदर सिंह संधू इस बात से निराश हुए।
संधू ने आईएएनएस से कहा, यह देखना निराशाजनक है कि एक टीम आर्मबैंड पहन रही है, जबकि दूसरी टीम नजरअंदाज कर रही है। यह दोनों ही भारतीय टीम है और दोनों को इसे पहनना चाहिए था।
भारतीय क्रिकेट जीवित है क्योंकि पूर्व क्रिकेटरों ने योगदान दिया है और यशपाल ने 1983 की जीत में अहम योगदान दिया था।
यशपाल के साथी खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने भी इस बात पर निराशा जताई।
आजाद ने आईएएनएस से कहा, भारतीय सीमित ओवरों की टीम के स्पोर्टिग आर्मबैंड नहीं पहनने से मैं स्तब्ध हूं। यशपाल एक महान क्रिकेटर थे। कोई इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है। मुझे सबसे आश्चर्य हुआ कि द्रविड़ जैसा शख्स के नेतृत्व वाली टीम ने ऐसा नहीं किया।