President of Sri Lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुर कुमार दिसानायक (Anuar Kumar Dissanayaka) ने मंगलवार को बोधगया का दौरा किया और बौद्ध धर्म में सबसे पवित्र स्थल माने जाने वाले महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद सीधे 1,500 साल पुराने महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) गए। महाबोधि मंदिर, भगवान बुद्ध के जीवन और विशेष रूप से उनके ज्ञान प्राप्ति से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
हवाई अड्डे पर बिहार के मंत्री प्रेम कुमार और संतोष कुमार सुमन (Prem Kumar and Santosh Kumar Suman) तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति का स्वागत किया।
राष्ट्रपति ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की और पवित्र बोधि वृक्ष के दर्शन किये
इस अवसर पर दिसानायक के साथ गया के जिलाधिकारी सह महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति (BTMC) के अध्यक्ष त्यागराजन SM और सचिव महाश्वेता महारथी एवं BTMC के सदस्य अरविंद कुमार सिंह भी मौजूद थे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने महाबोधि मंदिर के समीप स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे प्रार्थना की और फूल भी चढ़ाए। उन्होंने बाद में बोधगया में श्रीलंका के बौद्ध मंदिर का दौरा किया।
इस अवसर पर BTMC सचिव महाश्वेता महारथी ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की और पवित्र बोधि वृक्ष के दर्शन किये।
उन्होंने धर्म घंटी बजाने के बाद मंदिर परिसर के अंदर स्थित भगवान बुद्ध से जुड़े कई अन्य स्थानों को भी देखा। राष्ट्रपति की यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है, जहां बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।