चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
उन्होंने फुटवियर निर्माण क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) लाने की जरूरत बताई।
उन्होंने राज्य में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रयोगशाला की स्थापना, सहमति के अनुसार पर्याप्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति और राज्यों के साथ उपकर और अधिभार साझा करने पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान स्टालिन ने राज्य की विभिन्न मांगों को सूचीबद्ध करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर फुटवियर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो राष्ट्रीय विनिर्माण उत्पादन का 26 प्रतिशत और राष्ट्रीय निर्यात का 45 प्रतिशत हिस्सा है।
फुटवियर निर्माण के लिए एक पीएलआई योजना मौजूदा खिलाड़ियों की उत्पादकता में वृद्धि करेगी और भारत को फुटवियर निर्यातकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बनाएगी।
स्टालिन ने कहा कि यह योजना इसके अलावा आभूषण, जिपर, तलवों, बकल और अलंकरण जैसे इनपुट उत्पादों के लिए आयात प्रतिस्थापन में सहायता करेगी।
स्टालिन ने सलेम स्टील प्लांट के पास 1,507.23 एकड़ अतिरिक्त भूमि का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से इसे स्थानांतरित करने का आग्रह किया, ताकि इसका उपयोग रक्षा औद्योगिक पार्क के लिए किया जा सके।
कोल इंडिया द्वारा थर्मल प्लांटों के लिए कोयले की आपूर्ति में कमी की ओर इशारा करते हुए स्टालिन ने कहा कि बिजली मंत्रालय/कोयला मंत्रालय से सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड से 40.2 लाख टन प्रतिवर्ष कोयला आवंटित करने का अनुरोध किया जा सकता है।
स्टालिन ने मोदी से यह भी आग्रह किया कि केंद्र सरकार को उपकर और अधिभार की वसूली को उलट देना चाहिए और ऐसे सभी उपकरों और अधिभारों को कर की मूल दर के साथ मिला देना चाहिए, ताकि राज्यों को राजस्व का उनका वैध हिस्सा प्राप्त हो सके।