रांची: रांची के सांसद संजय सेठ ने किसानों से धान खरीद के मामले में राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है।
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए सोमवार को कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है और बिचौलियागिरी को बढ़ावा व संरक्षण दे रही है।
राज्य सरकार की व्यवस्था से किसानों का विश्वास टूट चुका है।
इसलिये किसान औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को चाहिए कि बात-बात पर केंद्र सरकार को कोसने और किसान और कृषि जैसे मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपने राज्य की व्यवस्था पर ध्यान दें।
आज राज्य के किसान जिस तरह बिचौलियों की जद में घिरे पड़े हैं।
ऐसा लग रहा है जैसे राज्य सरकार बिचौलियों को बढ़ावा दे रही है। बिचौलियों को खुला संरक्षण राज्य सरकार का है।
वरना जब केंद्र सरकार ने धान की एमएसपी तय कर दी है तो फिर महज 12 सौ और 13 सौ रुपए क्विंटल धान बेचने और खरीदने की क्या मजबूरी हो सकती है।
राज्य सरकार इस पर अविलंब कड़ा कदम उठाए और ऐसे बिचौलियों पर कठोर कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री खुद हर बात में केंद्र सरकार का रोना रोते हैं।
केंद्र सरकार को राज्य की जनता के बीच बदनाम करने का काम करते हैं जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
ऐसे कदम जो किसानों के लिए दूरगामी लाभ देने वाले हैं।
झारखंड की सरकार अपनी राजनीति के लिए उसे अपने राज्य में लागू नहीं करना चाहती और केंद्र सरकार को बदनाम करना चाहती है।
सेठ ने कहा कि वह राज्य सरकार को खुली चुनौती देते हैं कि इनके मंत्री केंद्र को कोसना बंद करें और यदि हिम्मत है तो किसानों को उनके धानों का पूरा मूल्य दिलवाएँ।
बिचौलियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करें और ससमय किसानों से धान की खरीदारी करें।
यदि इतना नहीं कर सकते तो झारखंड सरकार के मंत्रियों को केंद्र सरकार को कोसने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्हें राज्य की जनता ने जनादेश दिया है, वह राज्य के लिए काम करें।