State Government asked time for ED Officials : झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की शिकायत पर ED के अधिकारियों के खिलाफ SC व ST थाना में दर्ज FIR को CBI या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करने वाली ED की याचिका की गुरुवार काे सुनवाई हुई।
मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से समय की मांग की थी।
मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को
मामले में प्रतिवादी सीएम हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया था। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
ED के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंदा पुलिस द्वारा ईडी के अधिकारी को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है।
इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा CBI या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए। हालांकि पूर्व में ED के अधिकारियों के खिलाफ SC व ST Act. में दर्ज FIR को चुनौती देने वाली ED के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका पर हाई कोर्ट ने ED के अधिकारियों को गोंदा पुलिस द्वारा 41 Aके तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी।
हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप
कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ED अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। कोर्ट ने ED अधिकारी को खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा है।
यह FIR झारखंड पुलिस ने SC/ST Act के तहत रांची के SC/ST पुलिस थाना में दर्ज की है। यह FIR हेमंत सोरेन की दिल्ली आवास पर ED की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गई है। FIR में ED के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में Hemant Soren के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है।
इस FIR में ED के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल है।
इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ED का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया।