नई दिल्ली: वसंत के खुशनुमा मौसम में दहशत अपना डेरा फिर जमा रही है, कोरोना की दूसरी लहर मप्र सहित देश के कई राज्यों में लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ा रही है।
बता दें कि बीते एक साल में दुनियाभर ने जो कुछ झेला है, उससे दुनिया आज तक नहीं उबर सकी है।
अब फिर सूचना मिल रही है, कि कोरोना का नया दौर पहले से ज्यादा खतरनाक है।
पिछली महामारियों से जो सबक दुनिया ने सीखा वहां यह कि किसी भी महामारी की दूसरी लहर पहली से ज्यादा खतरनाक होती है, इसलिए जरूरत है हम सब चेत जाएं. मास्क पहनने, दो गज की दूरी को बनाए रखने और बेहद जरूरी काम होने पर ही पूरी सावधानी के साथ घर से निकलने की नसीहत को माने।
कोरोना की दूसरी लहर को न उठने दें। खुद को सर्दी, खांसी, बुखार से बचाएं।
कहा जा रहा है कि महामारी की दूसरी लहर के साथ आ रहा कोरोना स्ट्रेन यानी वैरिंयेंट ज्यादा खतरनाक है।
सावधानी इसलिए भी जरूरी है कि कोरोना की पहली मार से ही तन-मन-धन, रोजगार से टूट चुके लोग महामारी की दूसरी मार सहने की हालत में नहीं है।
इस कारण सरकारों, वैक्सीन, दूसरों की मदद के भरोसे न रहें, वहां काम शासन-प्रशासन के स्तर पर हो ही रहा है।
उसकी अपनी रफ्तार है। इसकारण डाक्टरों से लेकर प्रशासन की सलाह है कि इस मामले में खुद आत्मनिर्भर बन जाएं।
सरकार और सिस्टम की नसीहतों को माने, अपना बचाव, अपनी मदद खुद करें, भीड़भाड़ में जाने से बचें।
देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोना की महामारी में तेजी देखने को मिली है।
केरल और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, मप्र में भी कोरोना के मामलों में अचानक तेजी देखने को मिल रही है।
इसने सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
पिछले एक सप्ताह में महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में 81 फीसदी, पंजाब में 31, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़ में 43-43 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 13 फीसदी, हरियाणा में 11 फीसदी उछाल देखने को मिला है।
मप्र में जहां कोरोना उतार पर था, रोज बमुश्किल सौ के आसपास केस मिल रहे थे, कोरोना से मौत का सिलसिला लगभग थम सा गया था, वहीं एक हफ्ते में 2 हजार से ज्यादा कोरोना के सामने आए नए मामलों ने सरकार और लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
आंकड़ों के मुताबिक 6 राज्यों में 87 फीसदी कोरोना के मामले सामने आए है।
पंजाब में पिछले 5 दिनों में महाराष्ट्र की तरह कोरोना वायरस के नए मामले दर्ज हुए है।
पंजाब में कोरोना के नए स्ट्रेन के बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी दर्ज की है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह कोरोना के मौजूदा वेरिंयट की तुलना में अधिक संक्रामक है।
आशंका है कि इसके पीछे कोरोना वायरस का नया स्वरूप एक बड़ा और जिम्मेदार कारण हो सकता है। इसका पता लगाने के लिए सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है।