मुंबई: भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एमएंडओ) के दिसंबर सीरीज के कांट्रैक्ट्स की एक्सपायरी को लेकर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
वहीं, साल का आखिरी महीना होने के कारण विदेशी बाजारों से भी बहुत उत्साहवर्धक संकेत मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि कोरोना का प्रकोप लगातार बना हुआ है और वैक्सीन आने की उम्मीदों से बाजार पहले ही काफी तेजी देख चुका है।
हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजार में लगातार बना हुआ है।
उधर, अमेरिका में 900 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज से भी बाजार को सपोर्ट रहेगा और घरेलू शेयर बाजार मोटे तौर पर विदेशी संकेतों से ही चाल पकड़ेगी।
देश के शेयर बाजार में बीते सप्ताह करीब सात महीने में सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट के बाद तेज रिकवरी दर्ज की गई जिससे प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी साप्ताहिक स्तर पर तकरीबन सपाट बंद हुआ।
इस सप्ताह एफएंडओ के दिसंबर सीरीज के कांट्रैक्ट्स की एक्सपायरी 31 दिसंबर को होने जा रही है जिसके चलते बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना बनी रहेगी क्योंकि निवेशक अगले महीने के कांट्रैक्ट्स में अपना पोजीशन बनाएंगे।
उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल का भी बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।
लेकिन बाजार की निगाहें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई के रुझानों पर बनी रहेगी।
बता दें कि इस महीने एफपीआई का पैसा देश के बाजार में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा आ चुका है।
निवेशकों की नजर इस सप्ताह जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों पर भी रहेगी।
सप्ताह के दौरान 31 दिसंबर को देश के इन्फ्रास्ट्रक्च र आउटपुट के नवंबर महीने के आंकड़े जारी होंगे।
इस बीच कोरोना के गहराते प्रकोप का असर भी बाजार पर बना रहेगा।