नई दिल्ली: पुरुष को यौन उत्पीड़न करते या करने का आरोप लगना तो हर किसी ने सुना होगा।
लेकिन एक महिला को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया जाना अपने आपमें हैरान करने वाला मामला है। ऐसा ही एक मामला जर्मनी से सामने आया है।
महिला को आपराधिक ‘चोरी’ के मामले में शामिल किया जा रहा है। हालांकि यह महिला से जुड़ा आपने आपमें पहला मामला है। जर्मनी की समाचार एजेंसी ड्यूश वेले रिपोर्ट में इसका पता चला है।
मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब महिला ने अपने पार्टनर को अंधेरे में रखकर उसके कॉन्डोम (Condome) में छेद कर दिया।
हैरानी की बात यह है कि इसकी जानकारी उसके पार्टनर तक को नहीं थी। अब महिला को पार्टनर के कॉन्डोम में एक साजिश के तहत छेद करने के लिए छह माह के निलंबन की सजा सुनाई गई है।
हालांकि सेक्स के दौरान ऐसा करना अपने आपमें हैरानी करने वाला है। मामले की आरोपी महिला की आयु 39 साल है। जबकि उसका पार्टनर 42 वर्षीय है।
मामले पर एक नजर
महिला का अपने पार्टनर से कैजुअल रिलेशन थे और दोनों एक साल पहले ऑनलाइन मिले थे। इसके बाद दोनों कैजुअल सेक्सचुअल रिलेशनशिप (sexual Relationship) में आ गए।
इसके कुछ दिन बाद महिला ने गर्भवती होने का सोचा और अपने पार्टनर के नाइटस्टैंड में रखे कॉन्डोम (Condome) में चोरी छिपे छेद कर दिया। ताकि सेक्स के दौरान वह गर्भवती हो सकी। हालांकि वह इस मकसद में सफल नहीं हो सकी।
इसके बाद पुरुष को मैसेज भेजते हुए लिखा कि उसे विश्वास है कि वह गर्भवती है। उसने उसे यह भी जानकारी दे दी कि उसने उसके कॉन्डोम में छेद किया था। इसके बाद पुरुष ने अपनी पार्टनर के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाया।
महिला ने हेराफेरी की बात भी स्वीकार कर ली। पश्चिमी जर्मन शहर बेलेफेल्ड में हुआ यह मामला अपने आपमें अनोखा और ऐतिहासिक माना जा रहा है।
क्या है स्टेलथिंग?
NCCR के अनुसार, किसी भी यौन संबंध में ‘स्टेलथिंग’ का मतलब अपनी पार्टनर की सहमति के बिना गर्भ निरोध का इस्तेमाल न करना है।
मसलन आपका साथी सेक्स के दौरान अगर धोखे से कॉन्डम निकाल दे या कोई महिला वादे करके गर्भ निरोध न ले तो यह भी यौन शोषण की श्रेणी में आएगा।
महिला होना चाहती थी गर्भवती
इस महिला ने जान बूझ कर और उसे बिना बगैर बताये उसके कॉन्डोम में छेद कर दिया जो उसके पार्टनर ने घर में लाकर रखा था। वह गर्भवती होना चाहती थी हालांकि उसकी कोशिशें कामयाब नहीं हो सकीं।
इतना ही नहीं उसने बाद में अपने पार्टनर को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजा कि उसे लगता है कि वह गर्भवती है और उसने यह भी बताया कि जान बूझ कर उसने कॉन्डोम में छेद कर दिया था।
इसके बाद उसके पार्टनर ने उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया। महिला ने भी यह स्वीकार किया कि वह अपने पार्टनर के साथ चालाकी से काम निकालने की कोशिश कर रही थी।
जज ने अपने फैसले में कहा…
जज सालेव्सकी ने अपने फैसले में कहा, “यह प्रावधान दूसरे पक्ष पर भी लागू होता है। कॉन्डोम को बिना पुरुष की जानकारी या फिर सहमति के बेकार कर दिया गया।” सालेव्स्की का कहना है, “ना का मतलब यहां भी ना होगा।”
अदालत ने महिला को निलंबित सजा सुनाई है यानी उसे जेल तो नहीं जाना होगा लेकिन उसे एक सजायाफ्ता मुजरिम माना जायेगा और हो सकता है कि उसकी नौकरी या दूसरे कुछ मामलों में दिक्कत का सामना करना पड़े।