नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को छात्र नेता गुलफिशा फातिमा को जमानत दे दी, जिसे इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने फातिमा को जमानत दे दी और उससे 30,000 रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानती राशि जमा करने के लिए कहा।
कोर्ट ने उसे बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति लिए दिल्ली क्षेत्र को छोड़ने या किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं होने का निर्देश दिया।
अदालत ने उसे किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ या किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करने और अदालत द्वारा निर्देशित सुनवाई की हर तारीख पर उपस्थित रहने के लिए कहा।
पुलिस की एफआईआर के अनुसार, फातिमा ने गैरकानूनी रूप से भीड़ को उकसाया था, जो तब जाफराबाद इलाके में दंगों में लिप्त हो गए, जिसके कारण एक शख्स अमन की मौत हो गई, जो गोली लगने से घायल हो गया था।
अदालत ने कहा कि मामले में सह-आरोपी, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को पहले ही जमानत दे दी गई थी और उनकी भूमिका फातिमा के समान ही रही है।