अब खाइए कैसे खाते हैं दाल, अचानक ₹40 प्रति किलो बढ़ गया दाम, टमाटर तो अभी…

बाजार में इस समय अरहर की दाल 135 से 170 रुपए किलो के बीच है, ऐसे ही चना की दाल 100 से 110 के बीच में मिल रही है। मूंग दाल 110 से 115 रुपए के भाव मिल रही है

News Aroma Media
2 Min Read

नई दिल्ली: ‎फिलहाल सब्जियों के दाम (Rates of Vegetables) कम हुए नहीं और अब दाल के रेट सावतें आसमान को छूने को तैयार हैं। बाजार में दाल के रेट 40 रुपए प्र‎ति किलो अचानक बढ़ जाने से लोग हैरान हैं।

ऐसे मे ये लगने लगा है की टमाटर के साथ साथ लोगों को दाल से भी दूरी बनानी पड़ेगी। दाल महगी होने की वजह से किचन का बजट भी बिगड़ रहा है। अरहर की दाल हो या उड़द (Urad) और मूंग दाल (Moong Dal) , सभी के दाम आसमान छू रहे है।

अब खाइए कैसे खाते हैं दाल, अचानक ₹40 प्रति किलो बढ़ गया दाम, टमाटर तो अभी…-Now eat how you eat pulses, suddenly the price has increased by ₹ 40 per kg, tomatoes are still…

बढ़ते दाल के दाम

बाजार में इस समय अरहर की दाल (Yellow Arhar Dal) 135 से 170 रुपए किलो के बीच है। ऐसे ही चना की दाल 100 से 110 के बीच में मिल रही है। मूंग दाल 110 से 115 रुपए के भाव मिल रही है।

हालां‎कि 20 दिन पहले अरहर की दाल 115 से 120 रुपए किलो मिल रही थी। इस तरह 40 रुपए की उछाल आई है। लोगों का कहना है ‎कि पहले ही बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चल रहा था, ले‎किन दाल और टमाटर के भाव बढ़ने के बाद अब तो खर्च चलाना और भी कठिन हो गया है।

- Advertisement -
sikkim-ad

अब खाइए कैसे खाते हैं दाल, अचानक ₹40 प्रति किलो बढ़ गया दाम, टमाटर तो अभी…-Now eat how you eat pulses, suddenly the price has increased by ₹ 40 per kg, tomatoes are still…

दाल के दाम बढ़ने की वजह

दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर व्यापारियों का कहना है कि दाल की खेती कम हुई है, इस‎लिए दाम बढ़ रहे हैं। यही वजह है ‎कि इसकी आवक भी कम हो रही है। ऐसे में दाल कम होने की वजह से दाम बढ़ाना स्वाभाविक है।

अब खाइए कैसे खाते हैं दाल, अचानक ₹40 प्रति किलो बढ़ गया दाम, टमाटर तो अभी…-Now eat how you eat pulses, suddenly the price has increased by ₹ 40 per kg, tomatoes are still…

वही आम इंसान का कहना है की यदि दामों में नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते।तो कई ऐसे व्यापारी है, जो आवक में कमी बताकर दाल के दाम बढ़ा देते हैं।

प्रशासन कोई निगरानी नहीं करता। पूरा बाजार कुछ व्यापारियों के इशारे (Traders Signals) पर घूमता है। और आम जनता पर महंगाई की मार पड़ती है।

Share This Article