रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर झारखंड आंदोलनकारियों के अन्य समस्याओं से अवगत कराया है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी तथा पेंशन देने के लिए आपकी सरकार ने कई प्रस्तावों को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी है।
पेंशन और नौकरी दिए जाने के निर्णयों के बाद आपने कहा भी है कि राज्य आंदोलनकारियों की बदौलत मिला है और उन्हें सम्मान देने का वक्त है।
सरकार के निर्णयों के बीच आपका ध्यान कुछ महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित उम्मीदों तथा आंदोलनकारियों के मान-सम्मान की ओर दिलाना चाहता हूँ।
सरकार शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी देने के बीच यह सुनिश्चित करे कि शहीद आंदोलनकारी के आश्रित किसी अधिकारी के लिए चाय का प्याला नहीं उठाएं और न ही अफसरों की तीमारदारी में दरवाजे खोलने व कुर्सी, सोफा पोंछने का काम करें।
झारखंड आंदोलनकारी को चिह्नित करने के लिए आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी ऑल इंडिया सर्विस के रिटायर्ड अधिकारी को दी जा रही है, लेकिन आयोग में अधिकारी की बात और मंशा हावी नहीं हो, इसका भी ध्यान रखना होगा। आंदलनकारियो से बातचीत में यह जानकारी भी मिलती रही है कि प्रखंड से लेकर जिलों तक में अफसरों का नजरिया झारखंड आंदोलनकारियों के प्रति ठीक नहीं रहा है।
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री हम और हमारी पार्टी आंदोलन की भागीदार रही है। इससे पहले भी कई मौके पर हम यह मांग करते रहे हैं कि झारखंड आंदोलनकारी को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए और स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जाए।
हाशिये पर पड़े आंदोलनकारी के परिवार के सदस्यों को राज्य के प्रतिष्टित शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई की सुविधा और सरकारी-गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी स्पष्ट निर्णय लिए जाने की जरूरत है।
जेल काटने की अवधि को लेकर पेंशन का जो प्रावधान किया गया है, उसे भी बढ़ाने की जरूरत है। इनके अलावा आंदोलनकारी को राजकीय अतिथि का दर्जा मिले।