रांची: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत ने मंत्री रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को वापस ले लिया है।
हाइकोर्ट (High Court) के न्यायाधीश जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत से प्रार्थी सुखदेव भगत ने याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया।
जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। इस याचिका के वापस होने से रामेश्वर उरांव को बड़ी राहत मिली है।
नामांकन में तथ्य छुपाने के लगाए थे आरोप
बता दें कि सुखदेव भगत ने अपनी याचिका में कहा था कि लोहरदगा विधानसभा सीट से निर्वाचित होकर विधायक बने रामेश्वर उरांव ने अपने नामांकन में कई तथ्य छिपाए हैं।
उन तथ्यों का हवाला देकर याचिकाकर्ता सुखदेव भगत ने अदालत से राज्य सरकार के मंत्री और लोहरदगा विधानसभा से निर्वाचित विधायक रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को चुनौती देते हुए रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को रद्द किए जाने की मांग को लेकर झारखंड (Jharkhand High Court) हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुखदेव भगत ने इसके लिए झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand High Court) में इलेक्शन पीटिशन दायर की थी। जब सुखदेव भगत ने यह याचिका दाखिल की थी उस वक्त वह कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में नहीं थे, लेकिन अब उन्होंने दोबारा कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले ली है और कांग्रेस ने उन्हें पार्टी को-ऑर्डिनेशन कमेटी का सदस्य भी बनाया है।
हालांकि याचिका वापस लेने के पीछे का कारण अब तक सामने नहीं आया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वापस से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने याचिका वापस लेने का मन बनाया।