अहमदाबाद: नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे आंदोलन को देखते हुए अब राज्य भाजपा ने किसानों को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है।
भाजपा कृषि कानूनों के फायदे गिनाने के साथ किसान आंदोलन को पीछे से समर्थन देने वालों की साजिश की भी लोगों को जानकारी दे रही है।
आज उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने एक किसान सम्मेलन में आरोप लगाया कि दिल्ली के किसान आंदोलन के पीछे चीन व पाकिस्तान समर्थकों और टुकड़े टुकड़े गैंग के लोगों का हाथ है।
इसी क्रम में आज पंचमहाल में मोरवा हदफ साइंस एंड आर्ट्स कॉलेज के परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने नए कृषि कानून को लेकर सरकार का पक्ष रखा।
सम्मेलन में पंचमहाल, महिसागर और दाहोद के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री पटेल ने कांग्रेस के कार्यकाल की स्थिति और वर्तमान भाजपा सरकार की उपलब्धियों का वर्णन किया और उन्हें नए कृषि कानून के बारे में गलतफहमी और अफवाहों से अवगत कराया।
पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल के समर्थन में गुजरात में किसान सम्मेलन को जागरूक होना चाहिए। नए कृषि कानून से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार केवल संगठन के माध्यम से बनती है और सरकार संगठन नहीं बनाती है।
भाजपा संगठन की मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। अकेले गुजरात में भाजपा के एक करोड़ 11 लाख कार्यकर्ता हैं, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
किसान की फसल बिक्री प्रक्रिया की लागत के बारे में बताते हुए पटेल ने कहा कि नए कृषि कानून पूरे भारत में किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए बनाये गये है।
नए कृषि कानून के तहत भारतीय किसान देशभर में कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे भारत के केवल दो राज्य कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में विरोध किया जा रहा है। अगर 130 करोड़ में से केवल 50,000 लोग विरोध करते हैं, तो कानून को नहीं बदला जा सकता है।
उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर केजरीवाल दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं कर सकते, तो वह दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं। यदि 50 हजार लोग कहते हैं कि कश्मीर छोड़ दो तो क्या हम छोड़ देंगे।
पटेल ने परोक्ष रूप से संकेत दिया कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन कम्युनिस्ट-प्रेरित है।
खालिस्तानियों, चीन समर्थक और पाकिस्तान समर्थक समूहों और टुकड़े टुकड़े गैंग, आतंकवादियों और कांग्रेस के सहयोग से यह आंदोलन चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की एकता को तोड़ने और मोदी सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके अलावा सावरकुंडला, अमरेली, बोटाद और भावनगर जिलों में भी किसान सम्मेलन आयोजित किये गये। जिसमें कृषि मंत्री आरसी फल्दू, दिलीप संघानी आदि नेता उपस्थित थे।