नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की नियुक्ति को चुनौती वाली याचिका को बंद कर दिया है।
31 जुलाई, 2022 को अस्थाना रिटायर (Retire) हो चुके हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इस कानूनी सवाल पर सुनवाई करेगा कि क्या राज्यों के DGP जैसी चयन प्रक्रिया का पालन दिल्ली पुलिस आयुक्त के लिए भी होना चाहिए। Chief Justice DY Chandrachud की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया।
कानून का सवाल अभी बाकी है: प्रशांत भूषण
पिछले साल 16 दिसंबर को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस से कहा था कि राकेश अस्थाना भले ही रिटायर हो गए हैं लेकिन कानून का सवाल अभी बाकी है।
इस पर सहमति जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा था हम इस पर विचार करेंगे।
दरअसल प्रकाश सिंह के फैसले में Supreme Court ने कहा था कि राज्य के DGP की नियुक्ति के लिए कम से कम छह महीने का कार्यकाल बचा हो और वो नाम UPSC के पैनल से नाम भेजे जाएं। उनकी ही नियुक्ति DGP के तौर पर की जानी चाहिए।
केंद्र सरकार: असाधारण चुनौतियां की वजह से ये फैसला लेना पड़ा
इस मामले में केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाबी हलफनामा में कहा कि राकेश अस्थाना की दिल्ली (Delhi) के पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति विशेष परिस्थितियों में की गई।
केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां असाधारण चुनौतियां रहती हैं जिसकी वजह से ये फैसला लेना पड़ा।
राकेश अस्थाना ने अपने हलफनामा में कहा था कि याचिकाकर्ता उनकी छवि को खराब करने का अभियान चल रहे हैं। इसी अभियान के तहत याचिकाकर्ता (Petitioner) ने याचिका दाखिल किया है।
26 नवंबर 2021 को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने 12 अक्टूबर 2021 को राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
इससे पहले 25 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई से मना किया था और दिल्ली हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वे दो हफ्ते में उसका निपटारा करे।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) को हाई कोर्ट में अपनी बात रखने का निर्देश दिया था। उसके बाद प्रशांत भूषण ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर ऐसी ही एक याचिका में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।