CM Arvind Kejriwal : मंगलवार को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की बेल याचिका पर Supreme Court ने कोई फैसला नहीं सुनाया।
दूसरी ओर राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उनकी हिरासत अवधि 20 मई तक बढ़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत का दिया है संकेत
Supreme Court ने सुनवाई के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल एक चुने हुए मुख्यमंत्री (Chief Minister) हैं, उनके चुनाव प्रचार (Election Campaign) करने में कोई दिक्कत नहीं हैं।
कोर्ट ने कहा कि ये सामान्य परिस्थिति नहीं अभूतपूर्व हालात हैं।
कोर्ट ने कहा कि चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं, यह कोई हर छह महीने में होनी वाली फसल नहीं है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह अलग तरह का केस है। अगर चुनाव ना होते तो हम फैसला सुरक्षित रखते।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई थी, वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। उनपर कोई केस भी दर्ज नहीं है।
कोर्ट ने कहा है कि उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम बेल (Interim Bail) क्यों नहीं दिया जाए।
इसपर ED की ओर से दलील दी गई है कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम बेल देने से गलत संदेश जाएगा।
सीएम के साथ अलग व्यवहार उचित प्रतीत नहीं होता है। ईडी की ओर से यह कहा गया है कि चुनाव है, तो क्या सभी को जेल से छोड़ दिया जाए।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 7 स्टार ग्रैंड हयात होटल में रुके थे और इसके बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह ने किया था, जिन्होंने कथित तौर पर आप के अभियान के लिए नकद धनराशि स्वीकार की थी.
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है, हमारे पास अरविंद केजरीवाल की भूमिका के सबूत हैं।