नई दिल्ली: Supreme Court ने PDP नेता वहीदुर्रहमान पारा (Waheedur Rahman Para) को UPA के तहत दर्ज मामले में High Court से मिली जमानत के खिलाफ केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) की याचिका को खारिज कर दिया है।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वो UPA कानून पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट (Ladakh High Court) की ओर से की गई टिप्पणी को सही नहीं मानता है।
वहीदुर्रहमान को मिली जमानत को निरस्त करने की मांग
Jammu and Kashmir की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट ने UPA कानून की जिस तरह से व्याख्या की है उसमें समस्या है।
उन्होंने वहीदुर्रहमान को मिली जमानत को निरस्त करने की मांग की। मेहता ने कहा कि आरोपित Pakistan भी गया था।
उसे पास से AK 47 बंदूक मिली थी। तब कोर्ट ने कहा कि वो हाई कोर्ट की टिप्पणी को महत्व नहीं दे रहा है।
भरोसा करना मुश्किल है
सुनवाई के दौरान वहीदुर्रहमान की ओर से पेश वकील शदान फरासत ने कहा कि कई बार जजों को UPA की व्याख्या करनी मजबूरी होती है क्योंकि इस कानून में ये शर्त है कि कोर्ट ये माने की प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।
बता दें कि मई में हाईकोर्ट ने वहीदुर्रहमान को जमानत देते हुए कहा था कि अभियोजन ने जिस तरीके से साक्ष्य पेश किए हैं उन पर भरोसा करना मुश्किल है।