नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट ने केंद्र को और समय दे दिया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव की ओर से जवाब दाखिल नहीं करने पर एतराज जताया। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए 18 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने 08 मार्च को सीबीआई के जवाब को नामंजूर कर दिया था। कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सीबीआई ने कहा था कि सलेम को 25 साल से अधिक सजा न होने का भरोसा भारत सरकार ने पुर्तगाल को दिया था।
यह किसी कोर्ट पर लागू नहीं होता है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसा रवैया दूसरों के प्रत्यर्पण में समस्या बनेगा।
मुंबई की टाडा अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा दी
गैंगस्टर अबू सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के समय भारत ने वहां की सरकार को आश्वासन दिया था कि किसी मामले में 25 साल से अधिक सज़ा नहीं दी जाएगी लेकिन मुंबई की टाडा कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो अबू सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पुर्तगाल सरकार को दिए गए अंडरटेकिंग और उसकी कस्टडी कब से मानी जाए इन दोनों विषयों पर जवाब दाखिल करे।
सुनवाई के दौरान अबू सलेम की ओर से ऋषि मल्होत्रा ने कहा था कि जब पुर्तगाल से उसका प्रत्यर्पण किया गया था, उस समय भारत ने वहां की सरकार को आश्वासन दिया था कि किसी भी मामले में 25 साल से अधिक सजा नहीं दी जाएगी जबकि मुंबई की टाडा अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा दी है। इस पर विचार किया जाना चाहिए