Issues related to Investigation of Bangladeshi infiltration: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच से जुड़े मुद्दे (Bangladeshi infiltration Issues) में राज्य सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
Jharkhand High Court ने इस मामले में एक जनहित याचिका पर 20 सितंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद घुसपैठ की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का आदेश दिया था।
झारखंड की सरकार ने हाईकोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस ए. अमानुल्ला की बेंच ने मामले में केंद्र सरकार को पक्ष रखने को कहा है।
मामले की सुनवाई तीन दिसंबर तय की है। झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (Fact Finding Committee) के लिए राज्य सरकार को दो अधिकारियों का नाम सुझाने को कहा था।
सिब्बल ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया
Supreme Court ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर अगले दो हफ्ते तक रोक लगाने का आदेश दिया है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जोर देकर कहा था कि झारखंड सीमावर्ती राज्य नहीं है। हाईकोर्ट का आदेश राज्य में हो रहे विधानसभा चुनावों में भाषणों का विषय बन गया है।
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने झारखंड में घुसपैठ का जो दावा किया है, वह आंकड़ों पर आधारित नहीं है। ऐसे में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन का हाईकोर्ट का आदेश अवैध प्रवास के मुद्दे से निपटने की राज्य सरकार की स्वायत्तता और शक्ति में हस्तक्षेप होगा। राज्य सरकार के पास इस समस्या से निपटने के लिए कानून के तहत स्वतंत्र अधिकार हैं।
सिब्बल ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट में जमशेदपुर निवासी दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की थी।
याचिका में गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़, दुमका, साहिबगंज और देवघर जिले में बड़े पैमाने पर अवैध प्रवास और घुसपैठ का आरोप लगाया गया था। बांग्लादेशी घुसपैठ इसकी वजह हो सकती है। केंद्र ने यह भी बताया था कि कभी आदिवासी बहुल रहे इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़े पैमाने पर गिफ्ट डीड के जरिए जमीन मिल रही है। इस पर हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों की पड़ताल की जरूरत बताई थी।