नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सहारा प्रमुख सुब्रत राय (Sahara chief Subrata Roy) की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले पर एतराज जताया है।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निवेशकों के पैसे वापस करने की योजना बताने का आदेश देने का कोई मतलब नहीं है। इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानी 14 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि वो ये नहीं कह रहा है कि कोर्ट ऐसे आदेश जारी नहीं कर सकता है लेकिन अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश ठीक नहीं है। हाईकोर्ट को धारा 438 के क्षेत्राधिकार के तहत ही आदेश देना चाहिए।
सुब्रत की गिरफ्तारी पर लगा दी गई रोक
13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी के आदेश पर रोक लगा दी थी। एक निवेशक की याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
12 मई को पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय को आदेश दिया था कि वे 13 मई को किसी भी सूरत में कोर्ट में पेश हों लेकिन 13 मई को सुब्रत राय हाई कोर्ट में पेश नहीं हुए।
इसके बाद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया। गिरफ्तारी के आदेश के खिलाफ सुब्रत राय तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिसके बाद सुब्रत की गिरफ्तारी (Arrest) पर रोक लगा दी गई।