Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) मामले में ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) से 17 मई तक जवाब तलब किया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने जांच एजेंसी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 मई मुकर्रर की है।
चुनाव-प्रचार के लिए मांगी जमानत
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ मामले को 20 मई को सूचीबद्ध कर रही थी।
हालांकि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के यह कहने के बाद तारीख बदल कर 17 मई करनी पड़ी कि तब तक चुनाव खत्म हो जाएंगे और मामले में लंबी तारीख होने पर वह (Hemant ) पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो जाएंगे। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल को चुनाव-प्रचार के लिए मिले जमानत का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मामला भी केजरीवाल जैसा ही है और मुझे भी चुनाव प्रचार के लिए जमानत चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद ED से जवाब-तलब किया है।
तारीख बदलने के मूड में भी नहीं था सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court तारीख बदलने के मूड में नहीं था, लेकिन सीनियर वकील कपिल सिब्बल और सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी के अनुरोध पर तारीख बदलकर 17 मई कर दी गई।
पीठ ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि हम इस पर विचार कर पाएंगे या नहीं, लेकिन फिर भी हम इस मामले को 17 मई के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं।
अंतरिम जमानत की थी मांग
सोरेन ने Jharkhand High Court के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। High Court ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर अदालत का फैसला आने तक लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और Money Laundering से जुड़े मामले में ED ने बीते 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
ED ने मामले में 30 मार्च को अदालत में Hemant Soren के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ Chargesheet भी फाइल की है।
इसमें बताया गया है कि Hemant Soren ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश भी की। Hemant Soren ने गिरफ्तारी के ढाई महीने बाद पहली बार जमानत की याचिका दाखिल की थी।