नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप/फेसबुक से यह लिखित में देने को कहा कि लोगों के मैसेज नहीं पढ़े जाते। इस मामले की अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी।
याचिका में बताया गया था कि यूरोप और भारत के लिए अलग पैमाने अपनाए जा रहे हैं।
भारत में डेटा प्रोटेक्शन कानून बनने वाला है, उसका इंतज़ार किए बिना पहले व्हाट्सऐप नई पॉलिसी ले आया है।
व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर हो रहे विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज फेसबुक और व्हाट्सएप को फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूरोप और भारत में अलग अलग पैमानों को लेकर भी नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप/फेसबुक से यह लिखित में देने को कहा कि लोगों के मैसेज नहीं पढ़े जाते।
इस मामले की अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी। कोर्ट फेसबुक और व्हाट्सएप से कहा आप 2 या 3 ट्रिलियन की कंपनी होंगे।
लेकिन लोग अपनी निजता की कीमत इससे ज़्यादा मानते हैं और उन्हें ऐसा मानने का हक है। याचिका में बताया गया था कि यूरोप और भारत के लिए अलग पैमाने अपनाए जा रहे हैं।
भारत में डेटा प्रोटेक्शन कानून बनने वाला है, उसका इंतज़ार किए बिना पहले व्हाट्सऐप नई पॉलिसी ले आया है। यह मामला व्हाट्सऐप की उस प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़ा है, जो 2016 में आई थी।
इसे लेकर भी मसला कोर्ट तक पहुंचा था।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि नागरिकों के निजी डेटा को सुरक्षित रखने और उसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए क्या वह कोई कानून बनाएगी?
सरकार को इस पहलू पर जवाब देना है।