Homeझारखंडसुप्रीम कोर्ट ने सेना की पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने से मना किया

सुप्रीम कोर्ट ने सेना की पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने से मना किया

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सेना की पोस्टिंग का मामला ऐसा है, जिस पर वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी को लद्दाख जैसे कठिन स्थानों पर भी सेवा देनी होगी।

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक कर्नल की ओर से दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें उन्हें और उनकी पत्नी, जोकि सेना में एक कर्नल है, उन्हें 15 दिनों के भीतर अपने नया पदभार संभालने का निर्देश दिया था।

न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि चाहे वह लद्दाख हो, पूर्वोत्तर हो या अंडमान एवं निकोबार द्वीप हो, किसी को भी वहां जाना होगा।

पीठ ने कहा, आपको शिकायत हो सकती है, लेकिन सेना में पोस्टिंग ऐसी चीज है, जिस पर हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे। पीठ ने सेना में दंपति की संयुक्त पोस्टिंग के लिए किसी भी आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया गया।

याचिकाकर्ता ने राजस्थान के जोधपुर से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी पोस्टिंग को चुनौती दी है। उनकी पत्नी पंजाब के भटिंडा में कार्यरत है।

याचिकाकर्ता, जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) विभाग के एक अधिकारी हैं, जिन्होंने 15 मई के पोस्टिंग ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें और उनकी पत्नी को दूर के स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।

अधिकारी ने जेएजी और अन्य के खिलाफ अपील दायर करते हुए दोनों की एक साथ पोस्टिंग करने की मांग की।

याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील देते हुए कहा कि भटिंडा से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बीच की दूरी 3,500 किलोमीटर से अधिक है और अधिकारियों का साढ़े चार साल का बच्चा है।

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को इस स्थानांतरण के कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करना पड़ सकता है।

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत को पोस्टिंग के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि ये बहुत ही कठिन मामले हैं और शीर्ष अदालत के लिए विचार करना मुश्किल है।

15 सितंबर को हाईकोर्ट ने सेना को चार सप्ताह के भीतर संयुक्त पोस्टिंग के लिए युगल के अनुरोध पर निर्णय लेने के लिए कहा था।

spot_img

Latest articles

हुंडरू फॉल में बड़ा हादसा टला, तीन बच्चों को डूबने से बचाया

Hazaribagh Incident: हजारीबाग से हुंडरू फॉल शैक्षणिक भ्रमण पर आए तीन स्कूली बच्चे शनिवार...

झारखंड के 12 जिलों में शीतलहर का अलर्ट

Jharkhand Winter Alert!: झारखंड में ठंड लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार...

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 9 साल के बच्चे की मौत

Palamu News: पलामू जिले के पांकी में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 9...

एक भी बच्चा फेल नहीं होना चाहिए, CM स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्यों को सख्त निर्देश

Jharkhand News: स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि सीएम स्कूल...

खबरें और भी हैं...

हुंडरू फॉल में बड़ा हादसा टला, तीन बच्चों को डूबने से बचाया

Hazaribagh Incident: हजारीबाग से हुंडरू फॉल शैक्षणिक भ्रमण पर आए तीन स्कूली बच्चे शनिवार...

झारखंड के 12 जिलों में शीतलहर का अलर्ट

Jharkhand Winter Alert!: झारखंड में ठंड लगातार बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार...

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 9 साल के बच्चे की मौत

Palamu News: पलामू जिले के पांकी में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 9...