नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह दिल्ली के मुख्य सचिव पद के लिए 28 नवंबर तक पाँच वरिष्ठ नौकरशाहों का एक पैनल उपलब्ध कराए और दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा सुझाए गए लोगों में से एक नाम चुन सकती है।
भारत के डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मंगलवार सुबह 10.25 बजे तक नामों की सूची दिल्ली सरकार को देने को कहा।
पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला (Justice J.B. Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि ऐसा करने से “केंद्र सरकार की चिंताएं” पूरी होंगी और साथ ही, “राज्य की निर्वाचित शाखा के अधिकारी में कुछ हद तक विश्वास बढ़ेगा”।
उपराज्यपाल के “एकतरफा” निर्णय का विरोध करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा, “अंतिम विकल्प आपके (केंद्र) द्वारा सर्वोच्च नौकरशाह के नामित पैनल से चुना जाएगा। आपकी चिंताओं का ध्यान रखा जाता है।”
CJI चंद्रचूड़ ने कहा…
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “दिल्ली की स्थापना से लेकर 2018 …तक, यह हमेशा ‘विशेष रूप से’ दिल्ली की NCT की सरकार थी, जिसने मुख्य सचिव की नियुक्ति की थी।”
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “आखिरकार, (केंद्रीय) गृह मंत्रालय को नियुक्ति करनी है। लेकिन, आपके पास एक प्रक्रिया होनी चाहिए जहां सरकारें काम करती हैं। आप हमें एक व्यावहारिक समाधान क्यों नहीं देते?”
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में औपचारिक रूप से कुछ भी तय करने से खुद को रोक दिया और कहा कि वह 28 नवंबर को इस मुद्दे को समाप्त कर देगी।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जयंत नाथ (Justice Jayant Nath) को DERC का तदर्थ अध्यक्ष नामित किया था क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री किसी भी नाम पर सहमति बनाने में विफल रहे।