नई दिल्ली: पेगासस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट एक्सपर्ट कमेटी का गठन करेगा। इस बारे में औपचारिक आदेश अगले हफ्ते आ सकता है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने आज इस मामले से जुड़े वकील सीयू सिंह को कोर्ट में इसकी जानकारी दी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि कुछ एक्सपर्ट ने निजी कारणों से कमेटी में शामिल होने में असमर्थता जताई है। इस कारण आदेश जारी करने में विलंब हो रहा है। 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान केंद्र ने निष्पक्ष कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था, जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम करेगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार लिख कर दे कि वह सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है या नहीं।
हमारा मानना है कि हलफनामा दाखिल कर इस पर बहस नहीं कर सकते। आईटी एक्ट की धारा 69 सुरक्षा के लिहाज से सरकार को निगरानी की शक्ति देती है।
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा था कि सरकार को शपथ लेकर बताना था कि क्या उसने कभी भी पेगासस का इस्तेमाल किया। इस बिंदु पर कोई साफ बात नहीं कही है। सिर्फ आरोपों का खंडन कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की जांच की मांग करते हुए पांच याचिकाएं दायर की गई हैं।
याचिका दायर करने वालों में वकील मनोहर लाल शर्मा, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास, वरिष्ठ पत्रकार एन राम एवं शशि कुमार, परांजय गुहा ठाकुरता समेत पांच पत्रकार और एडिटर्स गिल्ड की याचिकाएं शामिल हैं।