नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र के पास अटकी कॉलेजियम (Atki Collegium) की सिफारिशों के मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति एस.के. कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु द्वारा नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों को अधिसूचित करने में देरी पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू करेेेगी।
शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को कहा था कि वह उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र द्वारा की गई देरी की बारीकी से निगरानी करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमणी (Attorney General R.Venkataramani) से कहा कि एससी कॉलेजियम द्वारा की गई लगभग 70 सिफारिशें मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा…
वेंकटरमणी द्वारा दिए गए आश्वासन पर कि वह इस मुद्दे पर सरकार के निर्देश प्राप्त करेंगे, शीर्ष अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा था, “मैंने बहुत कुछ कहने के लिए सोचा था, लेकिन चूंकि अटॉर्नी (जनरल) केवल सात दिनों का समय मांग रहे हैं, इसलिए मैं खुद को रोक रहा हूं। अगली तारीख पर मैं शायद चुप नहीं रहूंगा।”
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देरी पर केंद्र को चेतावनी देते हुए फरवरी में कहा था कि इसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक और न्यायिक दोनों कार्रवाइयां हो सकती हैं, जो सुखद नहीं हो सकती हैं। कहा गया, ”हमें ऐसा रुख अपनाने पर मजबूर न करें जो बहुत असुविधाजनक हो…।”