Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को केरल के एक Magistrate के खिलाफ रेप पीड़िता की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
पीड़िता ने आदेश में उसका नाम उजागर करने वाले जज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने चूक को अनजाने में हुई गलती मानते हुए इस साल जनवरी में केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) द्वारा पारित फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया।
पीड़ित ने आरोपी ए.वी.सैजु को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करते हुए प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट कट्टक्कडा की अदालत में याचिका दायर की थी। लेकिन मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में याचिका खारिज को करते हुए पीड़िता की पहचान उजागर कर दी।
इसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए High Court का दरवाजा खटखटाया।
लेकिन न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन की एकल पीठ ने पीड़िता की पहचान की रक्षा के लिए रिकॉर्ड को तत्काल गुमनाम करने का निर्देश देते हुए मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
मामले की अपील पर मुख्य न्यायाधीश ए.जे. देसाई और न्यायमूर्ति वी.जी. अरुण की खंडपीठ ने एकल-न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा और Magistrate को क्लीन चिट दे दी।
हालांकि, पीठ ने न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों से ऐसे मामले में सचेत रहने का आग्रह किया।