Rape Case Against Men : देश के शीर्ष अदालत Supreme Court ने बुधवार को जोड़ों के बीच ब्रेकअप के बाद पुरुषों के खिलाफ रेप के मामले (Rape Case) दर्ज किए जाने पर चिंता जताई है।
इसे ‘चिंताजनक ट्रेंड’ बताया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना विरोध के लंबे समय तक शारीरिक संबंध (Physical Relationship) बनाए रखना भी सहमति से बने रिश्ते के तौर पर देखा जा सकता है और जरूरी नहीं कि हमेशा शादी के झूठे बहाने पर आधारित रिश्ता ही हो.
जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटिस्वर सिंह ने बलात्कार का आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.
रिश्तो में खटास आने का परिणाम
पीठ ने कहा, “इस न्यायालय द्वारा ऊपर चर्चा किए गए समान मामलों से संबंधित बड़ी संख्या में आए हुए मामलों से यह स्पष्ट है कि यह ‘चिंताजनक ट्रेंड’ है. लंबे समय तक चलने वाले सहमति से बनाए गए संबंधों में जब खटास आ जाती है, तब एक पक्ष दूसरे पर रेप का आरोप लगा देता है.
ब्रेकअप के कारण आपराधिक कार्यवाही उचित नहीं
इसके पहले पिछले सप्ताह ही सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच ने कहा था, ‘सहमति से रिश्ते में रह रहे कपल के बीच सिर्फ ब्रेकअप के कारण आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती.
जब रिश्ता शादी तक नहीं पहुंचता, तो पार्टियों के बीच शुरुआत चरणों में सहमति से बने रिश्ते को आपराधिक रंग नहीं दिया जा सकता, जब तक वह रिश्ता वैवाहिक रिश्ते (Marital Relationships) में बदल नहीं जाता.